सेकेंड हैंड फोन खरीदने से पहले रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो होगा पछतावा

सेकेंड हैंड फोन खरीदने से पहले रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो होगा पछतावा
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अगर आप कोई पुराना सेकेंड हैंड फोन लेने का प्लान बना रहे है। तो आपको उसे लेने से पहले इन बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए नहीं तो आप मुसीबत में फस सकते हैं।

आजकल हर कोई स्मार्टफोन (SmartPhone) रखता है। फिर चाहे कोई छोटा हो या बड़ा। किसी के पास आपको ब्रांड न्यू फोन दिख जाएगा। तो वहीं कुछ लोग सेकेंड हैंड फोन का इस्तेमाल करते है। सेकेंड हैंड स्मार्टफोन का बाजार काफी बड़ा है। आपको ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक जगह-जगह सेकेंड हैंड फोन मिलते हुए दिख जाएंगे। पुराना फोन खरीदते समय हमेशा ये दिक्कत होती है की आईफोन (IPhone) लिया जाए या फिर एंड्राइड (Android)। तो आपको बता दे कि दोनों की कीमतों में काफी अंतर देखने को मिलता है। इतना ही नहीं दोनों के सॉफ्टवेयर भी अलग होते हैं। अगर आप भी कोई पुराना सेकेंड हैंड फोन खरीदने का मन बना रहे है तो हमारी ये खबर आपके लिए ही हो सकती है। आज हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें आप सेकेंड हैंड फोन खरीदने से पहले ध्यान रख सकते हैं।

फोन का प्राइस

सेकेंड हैंड फोन खरीदते समय सबसे पहले प्राइस का जरूर ध्यान रखे। सबसे पहले हमेशा मोबाइल की कंडिशन पर ध्यान दे और देखें की वो नए ब्रांड की तुलना में कितना डैमेज हुआ और क्या उस पर कोई डेंट तो नहीं है। इसके अलावा ये भी देख लें की वर्तमान में उस फोन को ऑनलाइन या ऑफलाइन स्टोर से कितने में खरीदा जा सकता है। वहीं अगर आप सेकेंड हैंड आईफोन और सेकेंड हैंड एंड्रॉयड फोन के बीच फसे है तो हम आपको यही बोलेंगे की आप एंड्रॉइड फोन चुन सकते हैं। क्योंकि एंड्राइड के मुकाबले आईफोन थोड़ा ज्यादा महंगा हो सकता है।

फोन की रिसेल वैल्यू देखें

अगर आप किसी सेकेंड हैंड फोन को खरीद रहे है तो उसकी रिसेल वैल्यू की जांच भी कर ले। फोन के मॉडल और ब्रांड के आधार पर फोन की वैल्यू अलग-अलग होती है। ऐसे में अगर आप कोई भी पुराना सेकेंड हैंड फोन लेना चाहते है फिर वो आईफोन हो या एंड्राइड एक बार रिसेल वैल्यू के बारे में जरूर पता कर ले। बहुत से ऐसे ऑनलाइन प्लेटफार्म भी मौजूद हैं जो मोबाइल की री-सेल वैल्यू और मार्केट वैल्यू के बारे में बताते हैं। आप चाहे तो इनकी मदद भी ले सकते हैं।

फोन की एसेसरीज

सेकेंड हैंड फोन लेते समय उनकी एसेसरीज जरूर देख ले। जैसे बैटरी, चार्जिंग केबल, चार्जिंग एडेप्टर, फोन केस आदि के बारे में जानकारी लेना जरूरी हो जाता है। क्योंकि फोन के बहुत ज्यादा पुराने हो जाने पर मार्केट में उनकी एसेसरीज मिल पाना बहुत मुश्किल हो जाता है, इसके लिए हमेशा ध्यान रखें कि फोन बहुत ज्यादा पुराना न हो।

फोन के सॉफ्टवेयर का रखे ख्याल

सेकेंड हैंड फोन खरीदने से पहले ये जान लेना जरूरी है कि आप जो फोन ले रहे हैं उसका सॉफ्टवेयर अपडेट मोबाइल कंपनी अभी तक दे रही है कि नहीं। फोन का सॉफ्टवेयर 1 या 2 साल से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसके बिना आप नए और लेटेस्ट एप्लीकेशन का मजा नहीं ले पाएंगे। पुराने सॉफ्टवेयर में स्मार्टफोन की स्पीड और बैटरी क्षमता पर भी असर पड़ता, जो स्मार्टफोन एक्सपीरियंस को खराब कर सकता है।

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