अब किसानों को WhatsApp पर ChatGPT देगा सरकारी योजनाओं की सभी जानकारी, भारत सरकार बना रही ये प्लान

इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड चैटबॉट चैटजीपीटी की चर्चा काफी देखने को मिल रही है। कहा जा रहा है कि चैटजीपीटी हर तरह के कामों को कर सकता है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या चैटबॉट चैटजीपीटी का फायदा कृषि और किसानों को भी मिलेगा। आइए आगे विस्तार से बताते हैं।
हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय किसानों को कई सरकारी योजनाओं को समझने और सीखने में मदद करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय चैटजीपीटी को व्हाट्सएप के साथ लिंक करने की योजना बना रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि मीटी की एक टीम भाशिनी चैटजीपीटी द्वारा संचालित व्हाट्सएप चैटबॉट का परीक्षण कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, ChatGPT संचालित व्हाट्सएप चैटबॉट वॉयस नोट्स के माध्यम से भेजे गए प्रश्नों का उत्तर देकर यूजर्स की मदद करेगा। यह मुख्य रूप से उन भारतीय किसानों के लिए उपयोगी होगा जो स्मार्टफोन पर टाइपिंग नहीं कर पाते हैं। बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने World Economic Forum के मंच में भी उल्लेख किया था कि भारतीय किसान जल्द ही इंटरनेट का उपयोग करके सरकारी कार्यक्रम तक पहुंचने के लिए जीपीटी इंटरफेस का उपयोग करने में सक्षम होंगे।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि नडेला को व्हाट्सएप चैटबॉट को संचालित करने वाला चैटजीपीटी मॉडल प्रदर्शित किया गया था। हालाँकि, किसानों के लिए व्हाट्सएप के साथ चैटजीपीटी को लिंक करने में कुछ समय लग सकता है, क्योंकि AI वर्तमान में अंग्रेजी भाषा में दिए गए इनपुट पर काम करता है और स्थानीय भाषाओं के लिए समर्थन की कमी है। एक संबंधित अधिकारी ने यह भी बताया कि AI चैटबॉट को उन पर प्रशिक्षित करने के लिए कई स्थानीय भारतीय भाषाओं के बड़े डेटासेट बनाने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में अधिकारियों के नोट्स का भी हवाला दिया गया कि चैटबॉट का उपयोग करने वाले अधिकांश लोग अंग्रेजी नहीं जानते होंगे। ऐसे में चैटबॉट पर काम करने के लिए उनके वॉयस इनपुट के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने भाषा प्रसंस्करण मॉडल को अधिक से अधिक प्रशिक्षित करें।
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