तनाव के बीच भारत में 7500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही चीनी मोबाइल कंपनी, लॉकल फॉर वोकल का किया समर्थन

तनाव के बीच भारत में 7500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही चीनी मोबाइल कंपनी, लॉकल फॉर वोकल का किया समर्थन
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मार्केट में सैमसंग जैसी बड़ी कंपनियों को टक्कर दे रही ये चीनी मोबाइल कंपनी।

भारत में चल रहे चीनी विरोधी माहौल के बीच चीनी कंपनी Vivo पर इसका खासा असर नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि ग्रेटर नोएडा में खुली Vivo इंडिया ने अपने इस कारखाने की क्षमता को बढ़ाने के लिए 7500 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान कर दिया है। कंपनी ने यहां से सालाना 12 करोड़ मोबाइल फोन के उत्पादन का खाका तैयार किया है। वहीं अगले एक साल में लोकल सोर्स से माल 15 से 40 प्रतिशत लेने की प्लानिंग की है।

चीनी कंपनी का तेजी से बढ़ रहा कारोबार

दरअसल, विवो मोबाइल कंपनी चाइनीज ब्रांड और Vivo इंडिया कंपनी चीन के ग्वांगझू में स्थित BBK इलेक्ट्रॉनिक्स समूह के तहत आते हैं। इस ग्रुप के भारत में एक या दो नहीं बल्कि कई अन्य लोकप्रिय ब्रांड भी हैं। इसमें Oppo, Oneplus, Realme और iQoo से लेकर चीनी कंपनी Xiaomi भी शामिल हैं। पिछले कुछ समय में विवो ने भारतीय बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाई है। वह सैमसंग को पीछे छोड़ दूसरा सबसे प्रमुख भारतीय ब्रांड बन चुकी है। वहीं Vivo India के डायरेक्टर ब्रांड स्ट्रेटेजी निपुण मौर्या ने गुरुवार को कहा, 'हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल कार्यक्रम का समर्थन करते हैं। हमारे मोबाइल 100 प्रतिशत मेड इन इंडिया होते हैं। इसकी वजह यहां पर ही हमारे द्वारा मोबाइल को तैयार करना है। हमारे 7500 करोड़ रुपये के निवेश से ग्रेटर नोएडा के कारखाने की क्षमता बढ़ाकर 3 करोड़ से 12 करोड़ फोन बनाने की हो जाएगी। जिसके बाद यह भारत के देश के सबसे बड़े स्मार्टफोन कारखाने में से एक होगा।

50 हजार भारतीयों को नौकरी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का दावा है कि उसके कारखाने में भारतीय ही काम कर रहे हैं। ऐसे में कंपनी के निवेश बढाने से प्रॉडक्शन ज्यादा होने के साथ ही नौकरियां भी ज्यादा होगी। इसी को देखते हुए कंपनी में 50 हजार भारतीयों को रोजगार दिया जा सकेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम स्थानीय स्रोतों से आपूर्ति लेने का हिस्सा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर देंगे। उन्होंने कहा कि भारत में डिजाइनर सेंटर का भी निर्माण किया जाएगा। जिसे भारत मेकिन के साथ ही भारत डिजाइनिंग सेट मार्केट उतारा जा सकें।

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