भारत चीन में तनाव के बीच चाइनीज कंपनी के मोबाइल की कम हुई डिमांड, बिक्री में आई 20 प्रतिशत की गिरावट

भारत चीन में तनाव के बीच चाइनीज कंपनी के मोबाइल की कम हुई डिमांड, बिक्री में आई 20 प्रतिशत की गिरावट
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मोबाइल एसोसिएशन का दावा लोग चाइना को छोड़ दूसरी कंपनी के मोबाइल कंपनियों की कर रहे हैं मांग।

लद्दाख की गलवान घाटी पर चीनी सेनिकों की करतूत के बाद से देश में (China) चाइना को लेकर काफी गुस्सा है। आम आदमी से लेकर अभिनेता और नेता भी चाइना को सबक सिखाने की अपील करने के साथ ही (Chinese Products) चाइनीज प्रॉडक्ट का बॉयकोट भी कर रहे हैं। जी हां इसका असर भी चायनीज मोबाइल फोन की बिक्री में दिखने लगा है। राजधानी लखनऊ में पिछले 5 दिनों मे चीनी फोन की बिक्री मे 20 प्रतिशत की गिरावट आ गई है।

इतना ही नहीं मीडिया रिपोर्ट की मानें तो चाइना और भारत के बीच बढती खाई में मोबाइल कारोबारियों ने चीन का मोबाइल मंगाना बंद कर दिया है। लखनऊ का बाजार 70 प्रतिशत से अधिक चीनी फोन से पटा हुआ है। अब कारोबारी अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ताइवान और फिनलैंड से कारोबार बढाने पर जोर दे रहे हैं। इसकी वजह ग्राहकों द्वारा मोबाइल मेकिंग देखकर लिया जा रहा है। ग्राहक मेड इन चाइना देखते ही फोन नहीं ले रहे हैं।

घाटी मे 15 जून की घटना के बाद से ही मोबाइल कारोबारियों और ग्राहकों का गुस्सा चीनी उत्पाद के विरोध बढ रहा है। राजधानी मे मोबाइल के एक बडे कारोबारी सुलभ ने कहा कि अब मोबाइल खरीदने आने वाले सभी ग्राहक यह जरूर पूछते हैं कि कहां का बना है। इसमें पचास प्रतिशत से अधिक लोग चीन का नाम सुन अपना इरादा बदल देते हैं। कुछ ग्राहक कोई विकल्प नहीं होने पर ही इसे खरीदते हैं। लखनऊ मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जौहर ने कहा कि अब दुकानदार भी चीन के बने मोबाइल को नहीं बेचना चाहते। अभी भी बाजार में 70 प्रतिशत मोबाइल चीन के ही हैं लेकिन अब इसमें विकल्प.के लिये अमेरिका,ताइवान और दक्षिण कोरिया की कंपनियों से बात की जा रही है।

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