Congress Convention: सेना में आदिवासी रेजीमेंट की मांग, जनगणना में मिले 7वें धर्म की पहचान

Congress Convention: सेना में आदिवासी रेजीमेंट की मांग, जनगणना में मिले 7वें धर्म की पहचान
X
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महाधिवेशन के तीसरे और आखिरी दिन ST विभाग के अध्यक्ष शिवाजी राव मोघे ने आदिवासियों के लिए अलग रेजीमेंट बनाने की मांग रखी।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय महाधिवेशन चल रहा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महाधिवेशन के तीसरे और आखिरी दिन ST विभाग के अध्यक्ष शिवाजी राव मोघे ने आदिवासियों के लिए अलग रेजीमेंट बनाने की मांग रखी। इतना ही नहीं, उन्होंने आदिवासियों को जनगणना में 7वें धर्म के तौर पर जोड़ने की भी मांग की। मोघे अक्सर अलग-अलग मंचों से आदिवासियों के हक की बात करते दिखते हैं।

कांग्रेस महाधिवेशन में शिवाजी राव मोघे ने कहा, देश में भाजपा और आरएसएस के लोग आदिवासी लोगों को वनवासी और गिरिजन कहते हैं। आदिवासी को वनवासी कहना पूरी तरह से गलत है, यह एक गाली की तरह लगता है। साथ ही कहा कि इस संबंध में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी बात की। राहुल गांधी ने कहा, देश में सबसे पहले आदिवासी आए और आदिवासी ही इस देश के मालिक हैं। मोघे ने यह भी कहा कि राहुल के नेतृत्व में पूरे देश के आदिवासी कांग्रेस के साथ जुडे़ंगे।

आदिवासी बनें जनगणना में सांतवा धर्म

महाधिवेशन में संबोधित करते हुए एसटी प्रमुख ने आदिवासी को सांतवा धर्म बनाने की मांग की। अभी के समय भारतीय जनगणना में 6 धर्म हैं। उन्होंने बताया कि बिट्रिश शासन काल में आदिवासी कोड हुआ करता था, ऐसे में अब आदिवासी रेजीमेंट भी होना चाहिए। देश में आदिवासियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। उनके विकास के लिए रिजर्वेशन और बजट में विशेष फंड भी होना चाहिए। इसके अलावा, मोघे ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तारीफ करते हुए कहा कि उनको सामाजिक सशक्तिकरण के लिए देश में नेशनल काउंसिल फार सोशल जस्टिस बना देना चाहिए। उन्होंने एसटी, ओबीसी और माइनॉरिटी के अधिकारों के बारे में भी कई राय रखी।

Tags

Next Story