नक्सली इलाकों में जवानों की मददगार बनेगी DRDO की बाइक एंबुलेंस, शानदार सुविधाओं से है लैस

नक्सली इलाकों में जवानों की मददगार बनेगी DRDO की बाइक एंबुलेंस, शानदार सुविधाओं से है लैस
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित बाइक एंबुलेंस को लॉन्च किया गया है। इस एंबुलेंस को 'रक्षिता' नाम दिया गया है। मंगलवार को दिल्ली में इस नए बाइक एंबुलेंस को लॉन्च किया जाएगा।

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित बाइक एंबुलेंस को लॉन्च किया गया है। इस एंबुलेंस को 'रक्षिता' नाम दिया गया है। मंगलवार को दिल्ली में इस नए बाइक एंबुलेंस को लॉन्च किया जाएगा। इस बाइक एंबुलेंस को इसलिए बनाया गया है ताकि मेडिकल इमरजेंसी और विवादित क्षेत्रों में घायल होने की स्थिति में सुरखा बलों के कर्मचारियों को तत्काल निकासी में मदद मिल सके। सूत्रों का कहना है कि किसी एनकाउंटर के दौरान घायल होने की स्थिति में यह एंबुलेंस बाइक सीआरपीएफ के जवानों की मदद करेगी। इक्कीस बाइक एंबुलेंस नक्सली और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में घायलों को निकालने के कार्यों के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में शामिल की गईं।

रॉयल इनफील्ड बाइक पर बनाई गई एंबुलेंस

रक्षिता एम्बुलेंस डीआरडीओ के तहत आने वाले नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) द्वारा 350 सीसी रॉयल एनफील्ड क्लासिक बाइक पर बनाई गई हैं। सीआरपीएफ प्रमुख ए पी माहेश्वरी ने कहा कि इन बाइक का इस्तेमाल वामपंथी अतिवाद प्रभावित राज्यों और उग्रवाद प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिक बल के बीमार या घायल जवानों को निकालने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन एम्बुलेंसों का उस क्षेत्र के स्थानीय लोगों की मदद करने के लिए उपयोग किया जाएगा, जहां बल तैनात है।

जानिए क्या क्या व्यवस्था है बाइक में

सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि बाइक के पीछे बैठने वाली सीट को घायल या बीमार व्यक्ति के लिए सीट में तब्दील किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें हैंड इम्मोबिलाइज़र और हार्नेस जैकेट लगायी गई है। उन्होंने कहा कि घायल या बीमार के महत्वपूर्ण मापदंडों को मापने के लिए चालक के डैशबोर्ड पर लगी एलसीडी के साथ निगरानी एवं स्वत: चेतावनी प्रणाली प्रदान की गई है। प्रवक्ता ने कहा कि एम्बुलेंस में ऑक्सीजन किट और मरीज को सलाइन देने की सुविधान भी दी गई है। उन्होंने बताया कि बल ने इस परियोजना के लिए 35.49 लाख रुपये से अधिक की प्रारंभिक निधि मंजूर की है। देश में नक्सल विरोधी अभियानों और आंतरिक सुरक्षा के लिए प्रमुख बल सीआरपीएफ को पहली बार फरवरी 2018 में तब बाइक एम्बुलेंस का विचार आया था जब छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तैनात उसकी 85वीं बटालियन के जवानों ने दूरदराज से हताहतों को निकालने के लिए अपनी गश्त बाइक का इस्तेमाल किया।

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