Flipkart को ED ने इस मामले में जारी किया कारण बताओ नोटिस, कंपनी पर लग सकता है 10 हजार करोड़ा का जुर्माना

नई दिल्ली। दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) और उसके फाउंडर्स को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तगड़ा झटका दिया है। Flipkart पर विदेशी निवेश कानून के कथित उल्लंघन को लेकर कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) जारी किया है। ED ने कहा है कि अगर वे जवाब नहीं देते तो उन पर 10,000 करोड़ रुपये (1.35 अरब डॉलर) का जुर्माना लगाया जा सकता है। एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक Flipkart ने कथित रूप से विदेशी निवेश नियमों का उल्लंघन किया है। गौरतलब है कि सचिन (Sachin) और बिन्नी बंसल (Binni Bansal) के द्वारा भारत में स्थापित Flipkart को अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट (Walmart) ने खरीद लिया है।
क्या है पूरा मामला?
विदेशी निवेश कानून (foreign investment law) के कथित उल्लंघन को लेकर ED फ्लिपकार्ट और Amazon दोनों की जांच कर रहा है। भारत में विदेशी निवेश कानून सख्ती से मल्टी ब्रैंड रिटेल (Multi Brand Retail) चेन को रेगुलेट करते हैं और ये कंपनियां खुद बिक्री नहीं कर सकती। ये सिर्फ तमाम विक्रेताओं के लिए एक मार्केट प्लेस का काम करती हैं। ED के एक अधिकारी ने बताया कि Flipkart की वेबसाइट पर विदेशी निवेशक से जुड़ी एक कंपनी WS Retail द्वारा उपभोक्ताओं को सामान बेचने की शिकायत आई है। यह नियमों का उल्लंघन है।
कारण बताओ नोटिस
इस बारे में ED की चेन्नई शाखा ने जुलाई में ही Flipkart, इसके संस्थापकों सचिन बंसल, बिन्नी बंसल और इसके मौजूद निवेशक टाइगर ग्लोबल (Tiger Global) को एक 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया है कि अगर वे इसकी सफाई नहीं देते तो क्यों न उन पर उन पर 10000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया जाए।
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