EPF की ब्याज दर घटाने के प्रचार को लेकर श्रम मंत्री ने उठाया बड़ा कदम, जानिए क्या है सच्चाई

EPF की ब्याज दर घटाने के प्रचार को लेकर श्रम मंत्री ने उठाया बड़ा कदम, जानिए क्या है सच्चाई
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EPF Interest Rate को घटाने का किया जा रहा प्रचार। मंत्री ने कहा इस पर रोक लगाये ईपीएफ और सरकार

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) ने बुधवार को कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर ब्याज दर कम करने को कथित तौर पर चलाये जा रहे दुर्भावनापूर्ण अभियान के बीच श्रम मंत्री संतोष गंगवार से हस्तक्षेप की मांग की है। इस कथित अभियान को इस बात को लेकर आगे बढ़ाया जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून में (Epfo Consumer) ईपीएफओ ग्राहकों द्वारा बड़ी मात्रा में धन निकासी का अनुमान है। एटक ने गंगवार को 29 जुलाई को एक पत्र भेजा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनो वायरस (Coronavirus) से संबंधित लॉकडाउन के दौरान इस साल अप्रैल-जून में 30,000 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। पत्र में एटक ने कहा, इस अभियान के पीछे का पूरा विचार इस बात को मुद्दा बनाने का है कि चूंकि आय कम हो रही है। इसलिए ब्याज दर को कम किया जाये। हम आपसे अनुरोध करेंगे कि कृपया हमें इस मामले में विवरण दें ताकि इस तरह के दुष्प्रचार को रोका जा सके। इस प्रमुख कर्मचारी संगठन ने कहा जैसा कि हमारी जानकारी है, सामान्य निकासी पिछले समय के दौरान, लगभग 20,000 करोड़ रुपये रही थी, मौजूदा समय में (चालू वर्ष के अप्रैल-जून अवधि में) ​​22,000 करोड़ रुपये की निकासी इससे कोई ज्यादा नहीं है। Employees की साल दर साल आय बढ़ने के कारण इस आंकड़ें में भी वृद्धि सामान्य स्थिति को ही परिलक्षित करता है।)

इस साल की शुरुआत में, सरकार ने EPFO Consumer's को कोविड-19 प्रावधान के तहत (EPF Account) ईपीएफ खातों से पैसे निकालने की अनुमति दी थी। इससे ग्राहकों को तीन महीने की बुनियादी मजदूरी या उनके जमा EPF राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा, जो भी कम हो, निकालने की छूट मिली। खाताधारकों के पास अपने पीएफ अकाउंट से घर खरीदने, बच्चों की पढ़ाई, चिकित्सा आदि के लिए पैसे निकालने का भी विकल्प है। ये ईपीएफओ से निकासी के नियमित दावे होते हैं। एटक ने मंत्री से आग्रह किया कि वे तथ्यों की जाँच के लिए आवश्यक कदम उठाएँ, यह आरोप लगाते हुए कि EPFO के खिलाफ अभियान ईपीएफ की ब्याज दर में कमी के लिए एक मामला बनाने के इरादे से चलाया जा रहा है। फिलहाल श्रम मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इस मामले की जांच की जा रही है।

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