लॉकडाउन के बीच दो माह में 36.2 लाख कर्मचारियों ने पीएफ खाते से निकाला पैसा, ईपीएफओ ने दिये 11,540 करोड़ रुपये

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 'लॉकडउाउन' के दौरान पिछले दो महीनों में 36.02 लाख दावों के निपटान किये और अपने सदस्यों को 11,540 करोड़ रुपये दे दिये। यह आंकडा श्रम मंत्रालय ने दिया है। इसके साथ ही एक बयान में कहा गया है कि कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान सदस्यों के लिये चीजों को आसान बनाने के इरादे से (EPFO Employees) ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को समय पर सेवा देने को लेकर हर संभव प्रयास किये।
दरअसल, देश में लॉकडाउन के बीच सब कुछ बंद होने पर भी कर्मचारियों की समस्या को देखते हुए ईपीएफओ ने दो माह अप्रैल-मई के दौरान 36.02 लाख दावों के निपटारे किये। यानि पिछले दो महीनों में 36.02 लाख कर्मचारियों ने अपने पीएफ खाते से रुपये निकालने के लिए आवेदन किया था। उनकी जरूरत और लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए, ईपीएफओ कर्मचारियों ने सिर्फ कुछ ही घंटों के हिसाब से कर्मचारियों को 11,540 करोड़ रुपये उनके खाते में भेज दिये। इसके साथ ही कुल दावों में से 15.54 लाख दावे कोविड-19 संकट से राहत देने के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत ईपीएफ से पैसा निकालने को किये गये थे। जिसके तहत 4,580 करोड़ रुपये वितरित किये गये।
इन लोगों को दी गई स्पेशल सुविधा
वहीं लॉकडाउन के बीच सरकार ने 15 हजार रुपये से कम सैलरी पाने वाले ईपीएफओ सदस्यों को अपने भविष्य निधि खाते से रुपये निकालने की अनुमति दी थी। कोरोना वायरस महामारी से राहत देने के लिये पीएमजीकेवाई के तहत अंशधारकों को तीन महीने का वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ते) या सदस्यों के खाते में जमा रकम का 75 प्रतिशत, जो भी कम हो, निकालने की अनुमति दी थी। इससे कई कामगारों को राहत मिली। आंकड़ों के मुताबिक, कुल दावाकर्ताओं में 74 प्रतिशत से अधिक वे लोग थे। जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है।
15 से 50 हजार के बीच वेतन वालों ने भी पीएफ खाते से निकाले रुपये
वहीं करीब 24 प्रतिशत दावा उन लोगों के थे। जिनका वेतन 15,000 रुपये से 50,000 रुपये के बीच था। वहीं 50,000 रुपये से अधिक के वेतन वाली श्रेणी में दावा केवल 2 प्रतिशत रहा। बयान के मुताबिक, लॉकडाउन' के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करते हुए ईपीएफओ ने 50 प्रतिशत से कम कर्मचारियों के साथ काम किया। कर्मचारियों की कमी के बावजूद दावों का निपटान समय पर किया गया। कोरोना संकट से निपटने के लिये किये गये दावों के निपटान करीब 10 दिन से कम कर लगभग 3 दिन में किये गये।
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