ऑनलाइन मंच पर नफरत, असहिष्णुता से निपटने के लिए फेसबुक ने शुरू की ये खास पहल, आप भी बन सकते हैं भागीदार

ऑनलाइन मंच पर नफरत, असहिष्णुता से निपटने के लिए फेसबुक ने शुरू की ये खास पहल, आप भी बन सकते हैं भागीदार
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एशिया फाउंडेशन के साथ साझेदारी में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य एशिया प्रशांत क्षेत्र में सहिष्णुता को बढ़ावा देना, अंतर-धर्म एवं अंतर-जातीय समझ को मजबूत करना और हिंसक चरमपंथ जैसी कारगुजारियों से निपटना है।

नई दिल्ली। आज कल ऑनलाइन मंच (Online Platform) पर नफरत भरी टिप्पणियां, असहिष्णुता के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इन पोस्ट का लोगों पर काफी हद तक प्रभाव भी पड़ता है। ऐसे में फेसबुक (Facebook) ने कहा कि उसने ऑनलाइन मंच पर नफरत और असहिष्णुता से निपटने के लिए जरूरी साधन और संसंधान उपलब्ध कराने के वास्ते एक नई पहल 'द रेजिलियेंसी इनीशियेटिव' वेबसाइट शुरू की है। एशिया फाउंडेशन के साथ साझेदारी में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य एशिया प्रशांत क्षेत्र में सहिष्णुता को बढ़ावा देना, अंतर-धर्म एवं अंतर-जातीय समझ को मजबूत करना और हिंसक चरमपंथ जैसी कारगुजारियों से निपटना है।

Facebook ने एक ब्लॉगपोस्ट में लिखा कि इस समुदाय केंद्रित पहल की शुरूआत बांग्लादेश (Bangladesh), भारत (India), इंडोनेशिया (Indonesia), मलेशिया (Malaysia), मालदीव (Maldives), म्यामां (Myanmar), नेपाल (Nepal), श्रीलंका (Srilanka), थाईलैंड (Thailand), पाकिस्तान (Pakistan) और फिलीपीन (Philippines) के 60 संगठनों के साथ कार्यशालाओं के आयोजन के हुई। यह वेबसाइट लक्षित समुदाय को मजबूत करने की दिशा में अगला कदम है। यह वेबसाइट नागरिक समाज के संगठनों की खासकर हिंसक संघर्षों से प्रभावित हुए इलाकों में मजबूत समुदायों के निर्माण की खातिर साधनों एवं संसाधनों के जरिए सोशल मीडिया का दोहन करने में मदद करती है। इसमें क्षेत्र के समुदायों से मिली जानकारी के साथ प्रमुख मामलों का अध्ययन भी शामिल किया गया है।

अभी अंग्रजी भाषा में उपलब्ध

यह वेबसाइट इस समय अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। यह आने वाले सप्ताह में बंगाली, थाई एवं उर्दू भाषाओं में शुरू की जाएगी तथा भविष्य में और भी भाषाओं में उपलब्ध होगी। एशिया फाउंडेशन एक मुनाफे के लिये काम नहीं करने वाला अंतरराष्ट्रीय विकास संगठन है जो कि सरकार और स्थानीय समुदायों से अलग अलग भागीदारों को एक साथ जोड़ता है।

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