Farmers loan: किसानों को अब मिलेगा सस्ता लोन, मोदी सरकार ने लिया यह बड़ा फैसला

Farmers loan: किसानों को अब मिलेगा सस्ता लोन, मोदी सरकार ने लिया यह बड़ा फैसला
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बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 2020 से रोकी गई ब्याज सबवेंशन योजना को एक बार फिर से बहाल करने का फैसला लिया गया है। सरकार के इस निर्णय के बाद देश के किसानों को कम ब्याज में कर्ज मिल पाएगा।

Interest Subvention Scheme: देश के किसानों (farmers) को केंद्र सरकार (central government) की ओर से बड़ी राहत दी गई हैं। बीते दिन बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabine) की बैठक में किसानों को दिए जाने वाले लघु अवधि के 3 लाख रुपये तक के कृषि लोन (short term agricultural loans) पर ब्याज में 1.5 प्रतिशत की सबवेंशन योजना (subvention scheme) को एक बार फिर से बहाल करने का निर्णय लिया गया। योजना के बहाल होने के बाद किसानों को लोन कम ब्याज दरों के साथ मिलेगा, बैंक और वित्तीय संस्थानों पर इसका बोझ नहीं पड़ेगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले के बाद अब किसानों को 3 लाख का लोन लेने पर ब्याज में 1.5 फीसदी की छूट मिलेगी। इसके साथ ही सरकार की ओर से इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की भी सीमा को 4.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि मई 2020 में ब्याज सबवेंशन योजना को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब 2022-23 और 2023-2024 के लिए किसानों को सरकार की ओर से यह मदद मिलती रहेगी। ब्याज सबवेंशन को लेकर जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, ब्याज सहायता के तहत 2022-23 से 2024-25 की अवधि के लिए 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी।

किसानों को होगा फायदा, रोजगार के अवसर होंगे पैदा

ब्याज सबवेंशन की योजना को आगे बढ़ाने से किसानों को आर्थिक रुप से मजबूती मिलेगी। किसानों के साथ ही कर्ज देने वाली कंपनियों के वित्तीय संस्थानों का काम भी चलता रहेगा। कम ब्याज में कर्ज मिलने से पशुपालन, डेयरी और मछली पालन के लोग प्रोत्साहित होंगे और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। बढ़ती बेरोजगारी के बीच सरकार को भी लगता है कि कम ब्याज दरों में कर्ज मिलने से रोजगार के मौकों में बढ़ोत्तरी होगी। कोरोना के बाद से बुरी तरह से प्रभावित हॉस्पिटलिटी सेक्टर को भी बढ़ावा देने के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत खर्च को और 50,000 करोड़ रुपये बढ़ा दिया है।

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