ऑटोमोबाइल से लेकर फुटवियर कंपनी को कोरोना का लगा करंट, कारोबार में 45 प्रतिशत गिरी शूज की बिक्री

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन का असर बडी उद्योग ऑटोमोबाइल समेत दूसरी कंपनियों के साथ ही फुटवियर कंपनियों पर भी पडा है। इसकी वजह कंपनियों का दावा है कि कोरोना काल में उनकी सेल में 45 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। जिसे कंपनी मुनाफा और आय दोनों ही कम हो गई हैं। लोग घरों से निकलने से परहेज करने के साथ ही शॉपिंग करने से भी बच रहे हैं। जिसका नुकसान उद्योगों में साफ दिखाई दे रहा है।
दरअसल, फुटवियर कंपनी लिबर्टी शूज का अनुमान है कि कोविड-19 की वजह से चालू वित्त वर्ष में उसकी बिक्री में 45 प्रतिशत की गिरावट आएगी। लिबर्टी शूज के कार्यकारी निदेशक (खुदरा) अनुपम बंसल ने कहा कि मौजूदा स्थिति हमें पिछले वित्त वर्ष के कारोबार से तुलना की अनुमति नहीं देती है। इसके बावजूद हमारा अनुमान है कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2020-21 में कंपनी की बिक्री 35 से 45 प्रतिशत कम रहेगी। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का कारोबार 650 करोड़ रुपये रहा था। बंसल लिबर्टी शूज के प्रवर्तकों में से हैं। एक ने उम्मीद जताई कि त्योहारी और शादी- ब्याह के सीजन के दौरान कंपनी की बिक्री बढ़ेगी।
बंसल ने कहा कि महामारी के बाद लोगों के खरीदारी के तरीके में काफी बदलाव आएगा। आज लोग अपनी जरूरत के आधार पर सामान खरीद रहे हैं। लोग खुली सैंडल और धोए जा सकने वाले फुटिवयर खरीद रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान लोग घर से कम ही बाहर निकले। इससे महंगे चमड़ा उत्पादों का कारोबार प्रभावित हुआ है। लिबर्टी के कुल कारोबार में महंगे चमड़ा उत्पादों का हिस्सा करीब 20 प्रतिशत है। बंसल ने कहा कि इन उत्पादों की बिक्री में 75 प्रतिशत की गिरावट आई है, क्योंकि लोगों की प्राथमिकता बदल रही है। अब लोग ऐसे जूते-चप्पल खरीद रहे हैं, जिन्हें धोया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कंपनी की विनिर्माण की लागत बढ़ी है, लेकिन हमारा इस साल कीमतों में बढ़ोतरी का इरादा नहीं है।
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