कोरोना काल में ज्वेलरी इंडस्ट्री ने बनाई बढ़त, अगस्त माह में 29.18 प्रतिशत बढ़ा निर्यात

कोरोना काल में ज्वेलरी इंडस्ट्री ने बनाई बढ़त, अगस्त माह में 29.18 प्रतिशत बढ़ा निर्यात
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इस साल रत्न और आभूषणों की मांग में 25 से 30 प्रतिशत की गिरावट का लगाया जा रहा है अनुमान

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई ज्वेलरी इंडस्ट्री अब धीरे धीरे पटरी पर लौट रही है। इसका पता इंडस्ट्री के जुलाई और अगस्त माह के आंकडों से लगाया जा सकता है। जुलाई माह के मुकाबले अगस्त महीने में रत्न और आभूषणों का निर्यात 29.18 प्रतिशत बढ़कर 13,160.24 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वहीं रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने शनिवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही यूरोप से लेकर अमेरिका और चीन समेत दूसरे देशों में रत्न एवं आभूषणों के निर्यात में काफी सुधार आया है।

दरअसल, जुलाई माह में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 10,187.04 करोड़ रुपये रहा है। वहीं सालाना आधार पर देखें तो रत्न और आभूषणों का निर्यात 38.84 प्रतिशत घटा है। जबकि अगस्त, 2019 में रत्न एवं आभूषण निर्यात 21,518.73 करोड़ रुपये रहा था। वहीं इस साल अगस्त में कट और पॉलिश किए हीरों का निर्यात 22.16 प्रतिशत घटकर 9,077.33 करोड़ रुपये रह गया है। जो पिछले साल अगस्त माह में 11,661.03 करोड़ रुपये था। सोने के गहनों की बात करें तो इनका निर्यात अगस्त में 66.25 प्रतिशत घटकर 2,335.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जबकि एक साल पहले यह समान महीने में 6,919.28 करोड़ रुपये था।

इस साल 30 प्रतिशत तक घट सकता है निर्यात

देश का रत्न और आभूषण निर्यात (Gems and Jwellery Export) चालू वित्त वर्ष में 25 से 30 प्रतिशत घटने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसकी वजह कोविड-19 संकट के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से पहली तिमाही में कारोबार नहीं होना है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) ने इसी महीने यह अनुमान लगाया है। जीजेईपीसी के अध्यक्ष कोलिन शाह ने कहा, ''महामारी फैलने पर अंकुश लगाने के लिए भारत के साथ-साथ आयातक देशों में पूर्ण लॉकडाउन के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान कारोबार पूरी तरह बंद रहा।

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