हवाई अड्डे के पुनर्वास के लिए 240 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार, 48 हेक्टेयर जमीन पर बनाएगी टाउनशिप

हवाई अड्डे के पुनर्वास के लिए 240 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार, 48 हेक्टेयर जमीन पर बनाएगी टाउनशिप
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3600 परिवारों के लिए टाउनशिप तैयार करेगी सरकार। देश के सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन का किया जाएगा अधिग्रहण।

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर स्थित जेवर में बनने वाले (International Airport) इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर आप ने तमाम खबरें सुनी होगी। इसबीच ही सरकार ने पुनर्वास ग्रामीणों के लिए बेहतरीन टाउनशिप बसाने का ऐलान कर दिया है। यह ऐलान सरकार ने हाल ही में किया है। इसके लिए सरकार 240 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सरकार ने इसके लिए 48 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी है।

परियोजना दस्तावेजों के अनुसार, गौतमबुद्धनगर के जेवर में ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल हवाईअड्डे के कारण 3600 से अधिक परिवारों के विस्थापित होने की संभावना है। अधिकारियों के अनुसार, जेवर बांगर में जमीन के विकास पर 240 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का अनुमान है। इस टाउनशिप में विकसित भूकंप, स्ट्रीट लाइट, पानी की सुविधा, डाकघर और अन्य नागरिक सुविधाएं होंगी। जो भूमि अधिग्रहण,पुनर्वास उचित भरपाई अधिकार (आरएफसीटीएलएआरआर) अधिनियम, 2013 के तहत अनिवार्य है। उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव एस पी गोयल ने ट्वीट कर कहा कि आरएफसीटीएलएआरआर अधिनियम की धारा 19 (ए) के तहत करीब 48 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की गयी है और जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए अधिग्रहीत जमीन से विस्थापित होने जा रहे परिवारों के पुनर्वास का मार्ग प्रशस्त किया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, इस परियेाजना के 4588 करोड़ रुपये पहले चरण के निर्माण के लिए इस क्षेत्र में रोही, दयंतपुर, किेशोरपुर, रनहेरा, परोही और बांवरी बांस गावों में 1334 हेक्टयर जमीन अधिग्रहीत की गयी है। परियोजना दस्तावेजों के अनुसार इस परियोजना से इन गांवों के 8,971 परिवार प्रभावित होंगे और 3,627 परिवार विस्थापित होंगे। अधिकरियों के अनुसार जेवर देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा और 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा। इसके निर्माण पर 29560 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।

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