RBI फिर से बढ़ा सकता है मोरेटोरियम, लोन की EMI भरने वालों को मिल सकता है फायदा!

कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के चलते चौपट हुए हजारों लोगों के कारोबार के चलते उन्हें ईएमआई चुकाना भारी पड गया है। इसके लिए लोगों ने (Loan Moratorium) लोन मोरेटोरियम को एक बार फिर से बढाने की गुहार लगाई है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की गई। इसमें केंद्र सरकार (Government of India) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि लोन पर मोहलत की अवधि दो साल के लिए बढाई जा सकती है, लेकिन इस पर फैसला (RBI) आरबीआई और बैंक करेंगे।
दरअसल, कोरोना वायरस को देखते हुए लॉकडाउन के बाद RBI ने 3 महीनों के लिए लोन मोरेटोरियम का ऐलान किया था। इसके बाद उन्होंने इसे 3 महीने के लिए और बढ़ा दिया था। जिसके बाद एक याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी कि कोरोना संकट में जिन कठिन आर्थिक हालातों को देखते हुए मोरेटोरियम सुविधा दी गई थी वह अभी समाप्त नहीं करनी चाहिए। इसे दिसंबर तक बढ़ाया जाना चाहिये। इसकी वजह लोगों की जेब पर अब तक इसका प्रभाव खत्म न होना है। वहीं एक्सपर्टस का दावा है कि माध्यम से केंद्र और आरबीआई ने अदालत को सूचित किया कि लोन के पुनर्भुगतान पर मोहलत 2 साल तक बढ़ सकती है। इसके लिए वह कोरोना और लॉकडाउन से प्रभावित सेक्टर्स की पहचान कर रहे हैं। इसके साथ ही कोरोना महामारी के चलते हुए नुकसान के प्रभाव के अनुसार इसका लाभ अलग-अलग उठा सकते हैं।
एक दिन पहले ही खत्म हो चुका है लोन मोरेटोरियम
कोरोना काल में लोगों को राहत देने के लिए शुरू की गई लोन मोरेटोरियम की सुविधा एक सीमित समय के लिए दी गई थी। इसे पहले जून तक के लिए किया गया था। जिसे बढाकर सरकार ने 31 अगस्त तक कर दिया था, लेकिन एक बार फिर से इसे बढाने की मांग उठ रही है। वहीं कुछ दिनों पहले ही देश के कई बड़े बैंकरों ने इस सुविधा को आगे नहीं बढ़ाने की अपील की थी। इसकी वजह इसका असर बैंक में निवेश करने वाले लोगों की पूंजी पर भी आ रहा था। वहीं एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख और कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने कहा था कि इस सुविधा को आगे नहीं बढ़ाया जाये, क्योंकि बहुत से लोग इसका अनुचित फायदा उठा रहे हैं।
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