पिछले एक साल में GST अधिकारियों ने 35 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का किया खुलासा, 426 लोग गिरफ्तार

नई दिल्ली। जीएसटी प्राधिकरणों (GST Authorities) ने कर चोरी (tax evasion) के खिलाफ एक साल की कार्रवाई में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की कर धोखाधड़ी का पता लगाया है। यह धोखाधड़ी माल एवं सेवा कर (goods and services tax) व्यवस्था में Input Tax Credit के प्रावधान का दुरूपयोग कर की गयी।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs) ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे सीजीएसटी (Central GST) प्राधिकरणों और जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (Directorate General of GST Intelligence) ने लगभग 8 हजार मामले दर्ज किए, जिनमें 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के मामले शामिल थे। जीएसटी व्यवस्था के तहत अंतिम उत्पाद पर कर भुगतान करते समय इकाइयां वह कर कम कर सकती हैं, जो उन्होंने कच्चे माल प्राप्त करने के एवज में दिया। हालांकि कुछ ने कच्चे माल को लेकर फर्जी बिल तैयार कर इस प्रावधान का दुरूपयोग किया।
बयान के अनुसार, जीएसटी व्यवस्था के तहत आईटीसी के लाभकारी प्रावधान का दुरुपयोग जीएसटी कानून के तहत कर चोरी का सबसे आम तरीका है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे प्राधिकरणों ने नियमित रूप से जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत से ही ऐसे मामलों का पता लगा रहे हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान (अप्रैल 2020 से मार्च 2021) के दौरान 426 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसमें चार्टर्ड एकाउंटेंट, वकील और निदेशक शामिल हैं।
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