मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने को तैयार! जानें रेट्स पर क्या पड़ेगा असर

मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने को तैयार! जानें रेट्स पर क्या पड़ेगा असर
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पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल (Diesel and Petrol) को GST के दायरे में लाने को तैयार है। अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर ईंधन सस्ता हो जाएगा।

GST On Diesel and Petrol: पेट्रोल और डीजल के आसमान छूती कीमतों से परेशान आम आदमी को मोदी सरकार (Modi government) जल्द ही राहत दे सकती है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल (Diesel and Petrol) को GST के दायरे में लाने को तैयार है। अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर पेट्रोल-डीजल सस्ता हो जाएगा।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के लिए तैयार है, लेकिन इसकी संभावना कम है कि राज्य इस कदम पर सहमत होंगे। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए सभी राज्यों को सहमत होना होगा। अगर राज्य कदम उठाते हैं तो हम तैयार हैं।

हरदीप सिंह पुरी ने आगे कहा, यह बड़ा मुद्दा है कि इसे कैसे लागू किया जाए। इस पर वित्त मंत्री को संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की सहमति मिलने की काफी कम संभावना है क्योंकि शराब और ऊर्जा राज्यों के लिए राजस्व पैदा करने वाली वस्तुएं हैं। इनसे उनको इनसे सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है, वह इसे क्यों छोड़ेंगे? केंद्र सरकार है जो मुद्रास्फीति और अन्य चीजों के बारे में चिंतित है। इसके अलावा उन्होंने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि को सही ठहराते हुए कहा कि भारत ने पिछले एक साल में सबसे कम वृद्धि देखी है।

पेट्रोल व डीजल पर लगने वाला टैक्स

पेट्रोल-डीजल पर करीब 50 प्रतिशत का टैक्स लग रहा है। राज्यों के हिसाब से यह आंकड़ा कम ज्यादा हो सकता है। इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि अगर एक लीटर पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये है तो उसमें 49.09 रुपये सरकारी टैक्स, 27.90 रुपये एक्साइज ड्यूटी, 17.13 रुपये डीलर एक्सक्लूडिंग वैट और 3.86 रुपये डीलर कमीशन होता है।

कम होंगे पेट्रोल-डीजल के दाम

अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो अधिकतम स्लैब होने के बावजूद भी 28 प्रतिशत ही टैक्स लगेगा। यानी कि पेट्रोल और डीजल के दाम काफी कम हो जाएंगे। साथ ही राज्यों की तरफ से लगने वाला वैट भी खत्म हो जाएगा। इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

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