ग्राहकों को जानकारी देने के लिए रेस्टोरेंट के बाहर लिखना अनिवार्य होगा, मीट हलाल है या झटका

ग्राहकों को जानकारी देने के लिए रेस्टोरेंट के बाहर लिखना अनिवार्य होगा, मीट हलाल है या झटका
X
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने एक प्रस्ताव पास किया है। जिसके तहत लोग रेस्टोरेंट में खाना किस तरह का परोसा जा रहा है उससे जागरूक होंगे। दरअसल, ग्राहकों को जानकारी देने के लिए रेस्टोरेंट (Restaurant) के बाहर मीट हलाल (Halal) का परोसा जा रहा है या झटके का, यह लिखना जरूरी होगा।

नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने एक प्रस्ताव पास किया है। जिसके तहत लोग रेस्टोरेंट में खाना किस तरह का परोसा जा रहा है उससे जागरूक होंगे। दरअसल, ग्राहकों को जानकारी देने के लिए रेस्टोरेंट (Restaurant) के बाहर मीट हलाल (Halal) का परोसा जा रहा है या झटके का, यह लिखना जरूरी होगा। दिल्ली में मीट (Meat) परोसने वाले रेस्टोरेंट के लिए अब यह नियम जरूरी हो जाएगा। अब जल्द ही इसे सदन में पास कराने के लिए भेजा जाएगा। सदन में पास होने के बाद प्रस्ताव के संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। हालांकि अभी इस कार्रवाई में एक से दो महीने लगेंगे।

सरदार खाते हैं झटके का मीट

साउथ एमसीडी के नेता सदन नरेंद्र चावला ने बताया कि कुछ लोग हलाल और झटके से परहेज करते हैं। किसी को झटके का पसंद है तो किसी को हलाल का। और यह लोगों को जानने का हक़ है कि वो जो खा रहे हैं वो हलाल है या झटका। सिख समुदाय की ये मांग सालों से की जा रही थी। उनके यहां यह नियम है कि वो हलाल मीट नहीं खा सकते। इसमे विवाद कुछ नहीं है। ये मौलिक अधिकार है जानने का कि जो खा रहे हैं वो क्या है। फिलहाल इसे स्टैंडिंग कमेटी से पास करवा लिया है। उम्मीद है सदन से पास होने के बाद नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा।

क्या हैं हलाल के नियम?

जानवर को हलाल तरीके से काटने का अलग नियम है। जानवर को काटने की प्रोसेस एक धारदार चाकू से होनी चाहिए। इस दौरान उसके गले की नस, ग्रीवा धमनी और श्वासनली पर कट लगना चाहिए। जानवर को हलाल करते हुए एक आयत बोली जाती है, जिसे Tasmiya या Shahada भी कहते हैं। हलाल की एक अहम शर्त ये है कि हलाल के दौरान जानवर पूरी तरह से स्वस्थ हो। पहले से मुर्दा जानवर का मीट खाना हलाल में वर्जित है।

Tags

Next Story