इस महीने के अंत तक एलआईसी की ऑनलाइन क्लेम सुविधा का ले सकेंगे फायदा,1 जुलाई से हो जाएंगी बंद

इस महीने के अंत तक एलआईसी की ऑनलाइन क्लेम सुविधा का ले सकेंगे फायदा,1 जुलाई से हो जाएंगी बंद
X
लॉकडाउन के बीच एलआईसी ने शुरू की थी यह क्लेम सुविधा। 1 जुलाई से हो सकती है बंद

लॉकडाउन के बाद अब देश की सबसे बडी इंश्योरेंस कंपनी यानि भारतीय जीवन बीमा एलआईसी ने कोरोना संक्रमण के इस संकट को देखते हुए ग्राहकों को राहत देने के लिए मैच्योरिटी क्लेम के नियमों को और आसान कर दिया है। उन्हें बिना ऑफिस आये ही ऑनलाइन मेल पर ही मैच्योरिटी देने की सुविधा भी शुरू की थी। जिसे 30 जून तक के लिए जारी किया गया था। इसमें ग्राहकों को क्लेम के लिए एलआईसी के ऑफिस जाने की जरूरत नहीं थी, लेकिन अब यह सुविधा बंद की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके साथ ही ग्राहकों को अपनी पॉलिसी, केवाईसी दस्तावेज, डिस्चार्ज फॉर्म और अन्य दस्तावेजों को स्कैन करके ईमेल के जरिये संबंधित ब्रांच में भेजकर क्लेम हासिल कर सकते हैं। इसको लेकर एलआईसी द्वारा सर्कुलर जारी कर दिया गया है। जिसको लेकर अब जल्द ही बदलाव किया जा सकता है।

ऑनलाइन क्लेम करने के ये हैं नियम

LIC के अनुसार, क्लेम करने के कई नियम हैं। इनमें सबसे पहले आपकी पॉलिसी एक्टिव होनी चाहिए । इसके साथ ही पॉलिसी जिस ब्रांच से जारी हुई है। उसी में दी जायेगी। इसके साथ ही आप की पॉलिसी पर किसी तरह की कोई किश्त बकाया न हो। कोई डुप्‍लीकेट पॉलिसी जारी न की गई हो, सर्वाइवल बेनिफ‍िट क्‍लेम के मामले में कुल सर्वाइवल बेनिफिट की रकम 5 लाख रुपये तक होना चाहिए। इसके साथ ही मैच्‍योरिटी क्‍लेम के मामले में पॉलिसी की बीमित राशि 5 लाख तक होनी चाहिए। ऐसे ही आवेदकों को क्लेम मिल सकेगा।

ऐसे ऑनलाइन आवेदन कर निकाल सकते हैं पॉलिसी से अपने रुपये

अगर आप की पॉलिसी मैच्योर हो गई है तो आप को इसके लिए एलआईसी ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आप LIC पॉलिसी से पैसे निकाल सकते हैं। यह है पूरा तरीका

-पॉलिसी पर क्लेम पाने के लिए claims.bo@ licindia.com पर मेल कर सकते हैं।

-इसके बाद ब्रांच कोड डाले। अगर आसान शब्दों में कहें तो मान लीजिए आपकी ब्रांच का कोड 883 है. तो आपको [email protected] पर मेल भेजना होगा।

-इसके बाद स्कैन किये गये सभी डॉक्यूमेंट 5एमबी तक की फाइल के साथ JPEG या PDF फॉर्मेट में अटैच करें।

-इस मेल आईडी को केवल क्लेम की जरूरतों के लिए ही भेजा जाना होगा।

Tags

Next Story