अब Maruti Suzuki बंद कर सकती हैचबैक डीजल इंजन कार, सीएनजी गाड़ियों का करेगी विस्तार

अब Maruti Suzuki बंद कर सकती हैचबैक डीजल इंजन कार, सीएनजी गाड़ियों का करेगी विस्तार
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BS 6 डीजल इंजन बड़ा होने की वजह से कार कंपनी हैचबैक डीजल कारों को न बनाने पर कर रही विचार। पेट्रोल और सीएनजी कारों का करेगी विस्तार

अगर आप देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की (HatchBacks Diesel Car) हैचबैक डीजल कार लेने का प्लान कर रहे हैं तो यह खबर आप के लिए निराशा जनक हो सकती है। इसकी वजह कंपनी (MSI) का छोटी कारों के लिए भारत चरण-6 मानक वाला डीजल इंजन विकसित न करने का प्लान बना रही है। इसकी वजह कंपनी को इन कारों को आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक नहीं माना है। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि अब बाजार धीरे-धीरे (Petrol Model Car) पेट्रोल मॉडलों की ओर स्थानांतरित हो रहा है। मारुति के आगे पेश किए जाने वाले वाहनों में कोई डीजल मॉडल नहीं है। कंपनी का इरादा अब अपने (CNG) सीएनजी पोर्टफोलियो का विस्तार करने का है।

एमएसआई के कार्यकारी निदेशक बिक्री एवं विपणन शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि (Small Diesel Car) छोटा डीजल इंजन विकसित करने का कोई तर्क नहीं है। हैचबैक खंड में यह 5 प्रतिशत से कम रह गया है। सेडान और प्रवेश स्तर के एसयूवी खंड में भी इसमें काफी कमी आई है। बजट भी अब इसका समर्थन नहीं करता। हालांकि, वाहन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी आगे चलकर डीजल आधारित बड़ी एसयूवी और सेडान की पर्याप्त मांग होने पर बड़े बीएस-6 इंजनों पर विचार कर सकती है। श्रीवास्तव ने कहा कि बहुत से उपभोक्ता ऐसे हैं जो कार चलाने के लिए अर्थशास्त्र को नहीं देखते और वे अब भी डीजल कारों की खरीद कर सकते हैं। इसी वजह से कंपनी ने कहा है कि बाजार पर उसकी नजदीकी नजर बनी हुई है। इसी के बाद पूरा फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यदि उस श्रेणी में पर्याप्त ग्राहक मिलते हैं तो हम बड़ा बीएस-6 डीजल इंजन विकसित करने पर विचार कर सकते हैं। अभी कंपनी ने इसपर कोई फैसला नहीं किया है। सीएनजी पोर्टफोलियो के विस्तार पर श्रीवास्तव ने कहा कि कंपनी का चालू वित्त वर्ष में 1.4 से 1.5 लाख (CNG Vehicles) सीएनजी वाहनों की बिक्री का लक्ष्य है। 2019-20 में कंपनी ने 1.07 लाख सीएनजी वाहन बेचे थे। कंपनी ने अगले कुछ वर्ष में हरित प्रौद्योगिकी वाली 10 लाख कारें बेचने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। डीजल कारों की तुलना में सीएनजी कारें सस्ती होती हैं। इसके अलावा सीएनजी कारों को चलाना भी सस्ता पड़ता है। पिछले वित्त वर्ष में सीएनजी खंड ने 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वहीं कुल यात्री वाहन उद्योग में 18 प्रतिशत की गिरावट आई है।

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