मारुति सुजुकी की ये 3 कार आपके और परिवार के लिए हैं खतरनाक, भूलकर भी न खरीदें, जानें वजह

मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) भारतीय मार्केट की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है। मारुति ऑल्टो (Maruti Alto) से लेकर स्विफ्ट (Maruti Swift) तक एक से बढ़कर एक गाड़ियां मारुति पेश करती हैं। सड़क पर चलती हर दूसरी गाड़ी आपको मारुति कंपनी की देखने को मिल जाएगी। मारुति की तरफ से बजट में गाड़ियां उतारी जाती हैं, लेकिन क्या मारुति की गाड़ी आपके और आपके परिवार के लिए सुरक्षित हैं? इसके लिए आपको ग्लोबल एनसीएपी क्रैश-टेस्ट की रिपोर्ट (Global NCAP crash-test report) के बारे में जानना बेहद जरूरी है। आज हम आपको मारुति की तीन ऐसी कारों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सेफ्टी के मामले में जीरो हैं।
मारुति सुजुकी इंडिया के Swift, Ignis और S-Presso मॉडल को अपडेटेड ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Global NCAP) क्रैश टेस्ट में एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन कैटेगरी में 1-1 स्टार हासिल किया है। चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन श्रेणी में भी तीनों कारों ने मामूली सा प्रदर्शन किया है।
मारुति स्विफ्ट, इग्निस और एस-प्रेसो की Global NCAP सेफ्टी रेटिंग
चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन श्रेणी में मारुति स्विफ्ट को केवल एक स्टार प्राप्त हुआ, जबकि मारुति इग्निस और मारुति एस-प्रेसो कार एक भी रेटिंग हासिल करने में असफल रही है। इस श्रेणी में कुल 49 अंकों में से चाइल्ड स्विफ्ट ने 16.68, इग्निस ने 3.86 और एस-प्रेसो ने 3.52 अंक हासिल किए। वहीं एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में स्विफ्ट ने 19.19, इग्निस ने 16.48 और एस-प्रेसो ने कुल 34 में से 20.03 अंक हासिल किए।
मारुति कार की सेफ्टी टेस्टिंग रिपोर्ट (Maruti car safety testing report)
टेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, मारुति एस-प्रेसो कार 3 साल के बच्चे के लिए चाइल्ड सीट फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट के दौरान आगे के सिर की गति को रोकने में सक्षम नहीं थी। हालांकि, 18 महीने के बच्चे के लिए चाइल्ड सीट सिर के लिए अच्छी सुरक्षा और छाती के लिए खराब सुरक्षा प्रदान करती है। मारुति स्विफ्ट को साइड इम्पैक्ट टेस्ट में सिर, पेट और श्रोणि की सुरक्षा को अच्छा माना गया, जबकि छाती की सुरक्षा खराब थी। साइड पोल इम्पैक्ट टेस्ट नहीं किया गया क्योंकि कार में साइड हेड प्रोटेक्शन नहीं है। जहां तक मारुति इग्निस की बात है तो उसमें साइड इम्पैक्ट टेस्ट में सिर की सुरक्षा कमजोर थी, जबकि छाती की सुरक्षा खराब थी। पेट की सुरक्षा पर्याप्त थी और पेट के निचले हिस्से की सुरक्षा अच्छी थी।
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