Facebook पर लगा करोड़ों का जुर्माना, डेटा छेड़छाड़ का मामला

अमेरिका की दिग्गज कंपनी मेटा को यूजर्स के डेटा के साथ छेड़छाड़ भारी पड़ गया है। यूरोपियन यूनियन ने करीब 10,770 करोड़ रुपये का जुर्माना टेक कंपनी पर ठोक दिया है। आरोप है कि कंपनी अपने यूजर्स का डेटा अमेरिका ट्रांसफर करती है, इस बात के सामने आने के बाद इतना बड़ा जुर्माना लगाया गया है। डेटा रेगुलेटर्स का कहना है कि मेटा लोगों की पर्सनल डिटेल्स को अमेरिकी सिक्योरिटी सर्विसेज से नहीं बचा पा रही। यूरोपियन यूनियन ने मेटा को इसे ठीक करने के लिए एक डेडलाइन भी दे दी है।
सिर्फ इतना ही नहीं, इस सोशल मीडिया कंपनी को डेटा के गैरकानूनी इस्तेमाल से रोकने के लिए भी डेडलाइन दी गई है। आयरलैंड के डेटा प्रोटेक्शन कमीशन ने कहा है कि यूजर्स के मूल अधिकारों की परवाह किए बिना टेक कंपनी ने अटलांटिक तक डेटा ट्रांसफरिंग कर डाली है। जुर्माना लगने के बावजूद कंपनी ने डेटा ट्रांसफर पर रोक नहीं लगाई है।
कितने दिनों की डेडलाइन
पहले भी कई कंपनियों पर डेटा ट्रांसफर को लेकर जुर्माना लगाया जा चुका है। कामर्शियल वेबसाइट अमेजन पर करीब 6,688 करोड़ रुपये का जुर्माना इससे पहले भी लगाया जा चुका है। यूरोपियन रेगुलेटर्स ने टेक कंपनी मेटा को डेटा का ट्रांसफर रोकने के लिए 5 महीने का वक्त दिया है। वहीं, अमेरिका को ट्रांसफर किए गए डेटा को अवैध रुप से स्टोर करने को रोकने के लिए 6 महीने का समय दिया गया है।
कब शुरू हुआ मामला
ऑस्ट्रिया के वकील मैक्स श्रेम्स ने फेसबुक के खिलाफ 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी। मैक्स निजता अधिकारों के लिए भी सक्रियता से काम करते हैं। एडवर्ड स्नोडेन के आरोपों के आधार पर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक निगरानी किए जाने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी।
मेटा ने क्या कहा
फेसबुक ने यूरोपियन यूनियन के इस फैसले को लेकर निराशा व्यक्त की है। मेटा के अनुसार, वो इस आर्डर के खिलाफ अपील दर्ज करेगी और इसे तुरंत खारिज कराने की कोशिश करेगी। एफबी के मुताबिक इससे उसके लाखों यूजर्स प्रभावित होंगे।
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