सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अब उद्यम की श्रेणी में आएंगे MSME, नहीं होगी किसी रजिस्ट्रेशन की जरूरत

सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अब उद्यम की श्रेणी में आएंगे MSME, नहीं होगी किसी रजिस्ट्रेशन की जरूरत
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1 जुलाई से MSME का हो सकेगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन। इसके रजिस्ट्रेशन के लिए किसी भी दस्तावेज की नहीं होगी जरूरत।

अब केंद्र सरकार ने देश में छोटे उद्योगों को बढ़ाने के लिए एक बडा कदम उठाया है। जिसके तहत माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) मंत्रालय ने एमएसएमई के क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन के लिए गाइडलाइंस का एक संयुक्त नोटिफिकेशन (Notification) जारी किया है। इसके तहत अब देश भर में (Msme Udyam) एमएसएमई उद्यम कहलाएंगे। इसके साथ ही अब से यानि 1 जुलाई एमएसएमई के रजिस्ट्रेशन के लिए किसी तरह के कागजात की जरूरत नहीं होगी। केवल स्वामी द्वारा घोषणा कराने पर ही वह अपने आधार पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर अपना काम शुरू कर सकता है।

रजिस्ट्रेशन के नियमों को बनाया गया सरल

सरकार द्वारा उद्यम की नई गाइडलाइन को लॉन्च करने के साथ ही (Msme) एमएसएमई की क्लासिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन और फैसिलिटेशन के नये सिस्टम को काफी सरल कर दिया गया है। यह बहुत ही आसान बिजनेस की राह में एक बडा और क्रांतिकारी कदम है। केंद्रीय मंत्री ने कहा सरकार के इन फैसलों से साफ है कि मंत्रालय इस संकट के समय में चुनौतियों का सामना कर रही एमएसएमई के साथ मजबूती से खड़ा है। इतना ही नहीं एमएसएमई के क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन का यह नया नोटिफिकेशन पुराने सभी नोटिफिकेशन को रद्द कर देगा। अब एंटरप्रेन्योर्स, एंटरप्राइजेज और एमएसएमई को नए नोटिफिकेशन के अनुसार, क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया करनी होगी।

इस माह से शुरू हुए क्लासिफिकेशन के नये मानदंड

दरअसल, एमएसएमई मंत्रालय ने एक जून से ही निवेश और टर्नओवर के आधार पर एमएसएमई के क्लासिफिकेशन के नये मानदंड जारी कर दिए थे। अधिकारियों का कहना है कि उद्यम रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया इनकम टैक्स और जीएसटी के सिस्टम के साथ इंटीग्रेटिड है। रजिस्ट्रेशन के समय दी जाने वाली जानकारी पैन नंबर या जीएसटीआईएन के जरिए वैरिफाई की जा सकती है। नोटिफिकेशन के अनुसार, एक एंटरप्राइजेज केवल आधार नंबर के जरिए भी रजिस्टर्ड कराया जा सकता है। अन्य जानकारी स्वघोषणा के आधार पर दी जा सकती है।

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