RBI ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट में नहीं किया कोई भी बदलाव, EMI भरने वाले लोगों को नहीं होगा फायदा

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve bank of india) ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति (monetary policy) के तहत नीतिगत दर रेपो (policy rate repo) में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत पर बरकरार रखा। RBI ने नरम रुख को बरकरार रखा है, क्योंकि अर्थव्यवस्था (Economy) अभी पूरी तरह से कोविड-19 संकट (Covid-19 pendamic) से उबर नहीं पायी है। इसके अलावा Reserve bank ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर (GDP growth rate) का अनुमान 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह लगातार सातवां मौका है जब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI governor Shaktikant Das) की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (monetary policy committee) ने रेपो दर के मामले में यथास्थिति बनाये रखी है।
पिछले साल 22 मई को किया था बदलाव
RBI ने मांग बढ़ाने के इरादे से 22 मई, 2020 को नीतिगत दर में बदलाव किया था और इसे रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर लाया था। दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (Bi-monthly Monetary Policy Review) की डिजिटल तरीके से जानकारी देते हुए कहा कि MPC ने आम सहमति से रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया है। इसके साथ रिवर्स रेपो 3.5 प्रतिशत पर बना रहेगा।
इसलिए नहीं किया गया बदलाव
दास ने कहा कि एमपीसी ने आर्थिक वृद्धि (economic growth) को गति देने तथा मुद्रास्फीति (inflation) को लक्ष्य के अंतर्गत रखने के लिये जबतक जरूरत हो, नरम रुख बरकरार रखने का फैसला किया है। एमपीसी को 2 प्रतिशत घट बढ़ के साथ मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
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