Google Play Store पर अब यूजर्स आसानी से कर सकेंगे आपत्तिजनक AI कंटेंट की शिकायत

Google Play Store पर अब यूजर्स आसानी से कर सकेंगे आपत्तिजनक AI कंटेंट की शिकायत
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Google Play Store ने नए अपडेट में प्ले-स्टोर पर जेनरेटिव AI के इस्तेमाल पर फोकस किया है। इसके साथ ही Google Play Store को सुरक्षित बनाने के लिए कंपनी ने डेवलपर पॉलिसी को अपडेट किया है।

Google Play Store जैसे ऐप्स स्टोर वर्तमान में जेनरेटिव AI ऐप्स से भरे हुए हैं। चैटजीपीटी, बिंग, लेंसा जैसे अन्य ऐप उपयोगकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म बन गए हैं। हालांकि, AI का व्यापक उपयोग इसके दुरुपयोग के बारे में भी चिंताएं बढ़ा रहा है। डीप फेक, क्लियर कंटेंट सहित कई अन्य आपत्तिजनक सामग्री लोगों को असुरक्षित कर रही है। उपयोगकर्ताओं को इन समस्याओं से बचाने के लिए Google ने हाल ही में Play Store पर Android ऐप्स के लिए अपनी डेवलपर नीतियों को अपडेट किया है।

Google Play Store में हुआ अपडेट

अपने नवीनतम अपडेट में Google अगले साल से प्लेस्टोर पर कंटेंट के लिए नए अपडेट लागू करने की योजना बना रहा है। इस नए नियमों का उद्देश्य ऐप्स और उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए AI के उपयोग को बढ़ावा देना है। जानकारी के मुताबिक, Google ने जेनरेटिव AI को Play Store में शामिल करने वाले एंड्रॉइड ऐप्स अगले साल के शुरुआती महीनों में नई आवश्यकताओं के अधीन होंगे। इन एप्लीकेशन में उपयोगकर्ताओं को किसी भी आपत्तिजनक सामग्री को चिह्नित करने या रिपोर्ट करने के लिए एक ऑप्शन दिया जाएगा।

गूगल का नया अपडेट AI ऐप्स पर लागू होगा

Google की नई AI-जनरेटेड सामग्री नीति विभिन्न AI ऐप्स पर लागू होगी, जैसे चैटबॉट, छवि जनरेटर और वीडियो या ऑडियो निर्माता जो वास्तविक लोगों को पेश करते हैं। हालांकि, जो ऐप्स एआई को उत्पादकता सुविधा के रूप में होस्ट या उपयोग करते हैं, वे पॉलिसी द्वारा कवर नहीं किए जाते हैं। Google का लक्ष्य इन नीति अपडेट के साथ एंड्रॉइड ऐप की गुणवत्ता, सुरक्षा और गोपनीयता में सुधार करना है। जो अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय उपयोगकर्ता अनुभव बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं।

इसके अलावा Google ने अपनी AI-जनित सामग्री नीति के दायरे को भी रेखांकित किया है, जिसमें "समस्याग्रस्त AI सामग्री" की पहचान की गई है, जैसे कि गैर-सहमति वाले डीपफेक, धोखाधड़ी वाली रिकॉर्डिंग, भ्रामक चुनाव सामग्री, यौन रूप से स्पष्ट जेनरेटर AI ऐप्स और दुर्भावनापूर्ण कोड निर्माण शामिल है। Google ChatGPT जैसे जेनरेटिव AI ऐप्स के लिए आवश्यक अनुमतियों को भी बदल रहा है, जिन्हें केवल मुख्य कार्यक्षमता के लिए फोटो और वीडियो तक पहुंचने की अनुमति होगी। बता दें कि चैटजीपीटी जैसे एआई ऐप्स को कार्य करने के लिए स्टोरेज एक्सेस की आवश्यकता नहीं होती है।

Google ने कहा उपयोगकर्ता के डिवाइस पर फ़ोटो और वीडियो को व्यक्तिगत और संवेदनशील उपयोगकर्ता डेटा माना जाता है और इसे अत्यधिक गोपनीयता सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए।

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