कोरोना संकट में तेल की कीमतें आसमान छूं रहीं, जानिए भाव

कोरोना संकट में तेल की कीमतें आसमान छूं रहीं, जानिए भाव
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देश में खाद्य तेलों की कीमतें आसमान को छं रही हैं। ऐसे में विदेशों से आने वाले कच्चे तेल की कीमत में कमी से ही राहत संभव है।

कोरोनाकाल में खाद्य तेलों की कीमत आसमान छू रही है। जो सोया तेल इस साल के प्रारंभ में थोक में 125 रुपए था, वह अब 150 रुपए हो गया है। चिल्हर में इसकी कीमत 170 से 175 रुपए है। अच्छी क्वालिटी का सोया तेल इससे 10 रुपए महंगा है। सनफ्लाॅवर, फल्ली तेल के साथ सरसों तेल में भी आग लगी हुई है। जिस राइसब्रान की कीमत सबसे कम रहती है, वह थोक में 140 और चिल्हर में 150 से 160 रुपए में बिक रहा है। खाद्य तेलों में इतनी ज्यादा तेजी का कारण कारोबारी जहां कच्चे तेल की कीमत में भारी इजाफा बता रहे हैं, वहीं अब तेलों पर लगने वाला 17.5 फीसदी किसान सेस भी है।

प्रदेश के साथ देशभर में सबसे ज्यादा खाद्य तेलों में खपत सोया तेल की होती है। इसमें कीर्ति गोल्ड ऐसा ब्रांड है, जो सबसे कम कीमत पर बिकता है। पिछले साल ही इसकी कीमत चिल्हर में 80 रुपए के आसपास रही है, लेकिन कोरोनाकाल के चलते इसकी कीमत में लगातार तेजी आती चली गई है। जो तेल पिछले साल के अंत में थोक में 105 रुपए के आसपास था, वह नए साल में 125 रुपए हो गया है, इसके बाद इसकी कीमत में कुछ कमी आने लगी थी, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार इजाफा होने के कारण एक बार फिर सोया तेल महंगा हो गया।

पहले किसान सेस से बढ़ी कीमत

खाद्य तेल कारोबारियों के मुताबिक नए साल तक को खाद्य तेलों की कीमत ठीकठाक थी, लेकिन जैसे ही केंद्र सरकार का फरवरी में बजट पेश हुआ और विदेशों से आने वाले कच्चे तेल पर एक्साइज ड्यूटी के अलावा 17.5 फीसदी किसान सेस लगाया गया, कीमतों में उछाल आना प्रारंभ हो गया। थोक में साेया तेल 130 से 135 रुपए हो गया।

कच्चा तेल महंगा

अप्रैल में भारत के साथ कई देशों में कोरोना की वापस हुई है। इस कोरोनाकाल में विदेशों से आयातित कच्चा तेल महंगा हो गया है। कारोबारी बताते हैं, सोया तेल मलेशिया से आता है। इसी के साथ पाम ऑयल ब्राजील से आता है। इन देशों ने अपने उत्पादन की पहली प्राथमिकता अपने देश को देने के साथ ही ड्यूटी में इजाफा कर दिया, जिसके कारण कच्चे तेल की कीमत बढ़ गई है।

मालभाड़ा डबल

प्रदेश में तेल ज्यादातर महाराष्ट्र से आता है। वहां कोरोना का कहर सबसे ज्यादा है। कारोबारियों को वहां से माल मंगाने पर इस समय डबल भाड़ा देना पड़ रहा है। तेल कारोबारी प्रेम पाहुजा बताते हैं, महाराष्ट्र से जो ट्रक माल लेकर आते हैं, उनको वापसी में यहां से माल नहीं मिल पाता है, ऐसे में ट्रक वाले दोनों तरफ का भाड़ा लेते हैं।

खाद्य तेलों में इतनी बढ़ोतरी

इस समय थोक में सोया तेल, जिसमें कीर्ति गोल्ड और अन्य छोटे ब्रांड शामिल हैं 140 से 150 रुपए में मिल रहे हैं। फार्चून और अन्य अच्छे ब्रांड 160 रुपए हैं। जहां तक चिल्हर का सवाल है तो हर कारोबारी अपने-अपने ग्राहकों के हिसाब से 20 से 25 रुपए तक ज्यादा कीमत पर माल बेच रहे हैं। लॉकडाउन में तो भारी मनमानी कीमत पर माल बिका है। अब दुकानें खुलने से थोड़ी राहत है। सनफ्लॉवर थोक में 160 से 170 चिल्हर में 180 से 190 रुपए, फल्ली तेल थोक में 170 से 180 रुपए और चिल्हर में दो सौ रुपए में बिक रहा है। सरसों तेल भी थोक में रिकार्ड 170 रुपए तक चला गया है। चिल्हर में यह 180 से 190 तक बिक रहा है।

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