Indian Railway ने प्रवासी मजदूरों को दिया रोजगार, काम मिलने से हजारों कामगार हुए खुश

कोरोना काल और लॉकडाउन के बीच अपने घर लौटे (Migrant Workers) प्रवासी मजदूरों के लिए भारतीय रेलवे एक वरदान के रूप में साबित हुआ है। इसी वजह (Indian Railway) भारतीय रेलवे द्वारा देश में बेरोजगार हुए हजारों प्रवासी मजदूरों को (Pm garib kalyan rojgar yojana) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत मानदिवस के तहत रोजगार देना है। इतना ही नहीं भारतीय रेलवे ने अब तक 90 हजार से भी ज्यादा मजदूरों को काम दे चुका है। जिसके एंवज में 328 करोड रुपये से ज्यादा का भुगतान भी किया जा चुका है। इसका दावा खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया है।
दरअसल, भारतीय रेलवे ने गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए कई प्रोजेक्ट्स में प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्हें 125 दिन के लिए मिशन मोड में चलाए जा रहे इस अभियान में 8 लाख मानवदिन के बराबर रोजगार पैदा हुए हैं। वहीं कोरोना महामारी के चलते रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन, खाद्य आपूर्ति, कोविड केयर कोच जैसे काम कर अपना योगदान दे रही है। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए नवादा, बिहार में घर लौटे प्रवासी मजदूरों को गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
देश में 138 रेलवे साइट पर दिया रोजगार
रेल मंत्री के अनुसार, रेलवे कोरोना और लॉकडाउन के बीच अपने घर लौटे मजदूर कामगारों को रोजगार दे रहा है। इसी के तहत 138 रेलवे साइट पर 90 हजार से भी ज्यादा मानवदिवस के बराबर रोजगार पैदा हुआ है। वहीं, श्रमिकों को 328 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। इतना ही नहीं रेलवे बोर्ड अपने कर्मचारियों (Railway Employees) द्वारा दिए गए 20 इनोवेशन आइडिया को अपनाएगा। जिसे ट्रेन यात्रा को पहले से अधिक सुरक्षित और अरामदायक बनाया जा सके। इसमें ट्रेन चलने से 2 मिनट पहले वॉर्निंग बेल, कोच के अंदर रियल-टाइम CCTV मॉनिटरिंग, मोबाइल ऐप के जरिए गैर-आरक्षित टिकटों की प्रिंटिंग जैसे कुछ कदम शामिल हैं।
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