Price Hike : खाने के तेल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी, जानिए रसोई पर कितना पड़ रहा असर

कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी कुछ हद तक सामान्य जरूर होती जा रही है मगर धीरे धीरे बढ़ती महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ रही है। घरेलू सामान जैसे रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल और खाने में इस्तेमाल होने वाले तेल के दाम आसमान छू रहे हैं। महामारी के इस दौर में बढ़ती महंगाई की वजह से आम आदमी की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। खाने के तेल की बात करें तो पिछले कुछ समय से इसकी कीमत उछाल मार रही है।
सबसे ज़्यादा महंगाई सरसों के तेल और सूरजमुखी ऑयल पर देखी जा रही है। अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ का मानना है कि हाल ही में देश और विदेश में उपजे ऐसे कई बड़े कारण हैं जिसकी वजह से खाने के तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही है। हालांकि केन्द्र सरकार ने महासंघ की मांग पर पॉम ऑयल में 10 फीसद तक आयात शुल्क कम कर दिया था, लेकिन कुछ नए कारणों के चलते इस राहत से भी कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ा।
भारत में खाने के तेल की खपत का 65 फीसदी से भी ज्यादा
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है कि भारत में खाने के तेल की खपत का 65 फीसदी से भी ज़्यादा अधिक तेल आयात करना पड़ता है। जबकि इस वक्त विदेशों में तेल की कीमतें खुद ही बढ़ी हुई हैं। क्योंकि मौसम खराब होने के चलते पहले ही वहां पर फसलें खराब हो चुकी हैं। लैटिन अमेरिका में खराब मौसम ने सोयाबीन के उत्पादन को खासा प्रभावित किया है।
इंडोनेशिया में पाम तेल का उत्पादन नहीं बढ़ा है। वहीं मलेशिया में ऑटो ईधन के रूप में 30 फीसद तक पॉम ऑयल मिलाने की मंजूरी के चलते भी इसकी सप्लाई पर असर पड़ा है। अर्जेंटीना में हड़ताल के चलते भी नरम तेलों की सप्लाई पर बड़ा असर पड़ा था।
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