बीते डेढ़ साल में बैंकों ने ग्राहकों को बिना जानकारी दिए ही वसूला मनमाना चार्ज, RBI के पास लाखों की तादाद में पहुंची शिकायतें

बीते डेढ़ साल में बैंकों ने ग्राहकों को बिना जानकारी दिए ही वसूला मनमाना चार्ज, RBI के पास लाखों की तादाद में पहुंची शिकायतें
X
बीते डेढ़ साल में आरबीआई के पास ग्राहकों की तरफ से शिकायतों का अंबार लग गया है। पता चला है कि सबसे ज्यादा शिकायत डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े है और ट्रांजैक्शन फेल होने पर बैंकों ने प्रति ट्रांजैक्शन जीएसटी जोड़कर ग्राहकों से 25 रुपये से भी ज्यादा वसूल लिया है

नई दिल्ली। आज कल बैंक ग्राहकों को जानकारी दिए बिना ही मनमाना चार्ज वसूल रहे हैं। चाहे वह डेबिट कार्ड (Debit Card) हो या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) हो ग्राहकों को जानकारी दिए बिना ही अपने मन से कई तरह का चार्ज वसूला जा रहा है। हद तो यह है कि जनधन खाते और रुपे कार्ड पर भी बैंक मनमानी वसूली कर रहे हैं। यही कारण है कि बीते डेढ़ साल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserver Bank of India) के पास ग्राहकों की तरफ से शिकायतों का अंबार लग गया है। पता चला है कि सबसे ज्यादा शिकायत डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े है और ट्रांजैक्शन (Transaction) फेल होने पर बैंकों ने प्रति ट्रांजैक्शन जीएसटी (GST) जोड़कर ग्राहकों से 25 रुपये से भी ज्यादा वसूल लिया है। आरबीआई ने ऑम्बड्समैन स्कीम 2019-20 (RBI Ombudsman Schemes 2019-20) को लेकर सालाना रिपोर्ट जारी की है। इस स्कीम के जरिए केंद्रीय बैंक की नज़र बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और नये एज के डिजिटल प्लेयर्स पर होती है। इसी में यह जानकारी सामने आई है।

मनमानी वसूली में ये बैंक रहे टॉप पर

बैंकों के खिलाफ ग्राहकों के कुल शिकायतों की संख्या 6 लाख के करीब पहुंच गई है। शिकायतों के मामले में भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई (SBI), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) टॉप पर हैं।

आरबीआई में लिखित में की गई शिकायत

इसी प्रकार जन-धन खातों, रुपे डेबिट कार्ड पर जीएसटी के साथ 17 रुपये तक वसूला है। इस बारे में ऑल इंडिया बैंकिंग डिपॉजिटर्स एसोसिएशन ने आरबीआई से लिखित शिकायत भी की है। बता दें कि आरबीआई के कम्प्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम में इस तरह की कुल 31,837 शिकायतें दर्ज हुईं है। वहीं, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी डेढ़ साल में करीब 95 हज़ार शिकायतें दर्ज की गई है।

Tags

Next Story