RBI ने दिए अच्छे संकेत- भारत की GDP की वृद्धि दर सुधरने के बिल्कुल करीब

RBI ने दिए अच्छे संकेत- भारत की GDP की वृद्धि दर सुधरने के बिल्कुल करीब
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने राहत भरे संकेत दिए हैं। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सकारात्मक वृद्धि दर हासिल करने के करीब है। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह अनुमान लगाया है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि वी-आकार के सुधार में 'वी' से आशय वैक्सीन (टीके) से है।

मुंबई। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बहुत प्रभावित हुई है। जीडीपी की बात करें तो इसमें भी रिकॉर्ड गिरावट दर्ज हुई थी। मगर अब नए साल के साथ हालात सामान्य होते जा रहे हैं। कोरोना पर नियंत्रण करने के लिए भी भारत में वैक्सिनेशन का काम शुरू हो गया है और स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जा रहा है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने राहत भरे संकेत दिए हैं। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सकारात्मक वृद्धि दर हासिल करने के करीब है। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह अनुमान लगाया है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि वी-आकार के सुधार में 'वी' से आशय वैक्सीन (टीके) से है।

'वी' आकार का होगा सुधार

भारत सरकार ने लोगों का कोविड-19 महामारी से बचाव करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू किया है। रिजर्व बैंक के जनवरी के बुलेटिन में 'अर्थव्यवस्था की स्थिति' पर लेख में कहा गया है कि 2021 कैसा होगा? सुधार का आकार 'वी-आकार' का होगा। वी से तात्पर्य वैक्सीन से है। इन लेख को रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा और अन्य ने लिखा है। लेख में कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में भारत के साथ लाभ की स्थिति सबसे बड़ी टीका विनिर्माण क्षमता है। इसके अलावा भारत के पास पोलियो और चेचक के खिलाफ टीकाकरण का अनुभव भी है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यदि यह सफल रहता है, तो इससे जोखिम का संतुलन ऊपर की ओर झुक जाएगा।

ई-कॉमर्स और डिजिटल प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी

हालांकि, रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि लेख में विचार लेखकों के हैं और आवश्यक रूप से इन्हें केंद्रीय बैंक की राय नहीं माना जाए। लेख में कहा गया है कि भारत की स्थिति को उबारने में ई-कॉमर्स और डिजिटल प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हालांकि, महामारी से पूर्व का उत्पादन स्तर और रोजगार हासिल करने में अभी काफी समय लगेगा। लेख में कहा गया है कि वृहद आर्थिक क्षेत्र में हालिया बदलाव से कुल परिदृश्य चमकदार हुआ है और जीडीपी की वृद्धि दर सकारात्मक होने के करीब है। साथ ही मुद्रास्फीति भी घटकर लक्ष्य के पास आ रही है। सरकार के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।

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