RBI ने इस बैंक का लाइसेंस किया रद्द, जानिए अब डिपॉजिटर्स की रकम का क्या होगा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक अहम फैसला लिया है। आरबीआई ने कोल्हापुर के सुभद्रा लोकल एरिया बैंक (Subhadra Local Area Bank) का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। इस बैंक में पिछले काफी समय से संचालन में गड़बड़ी हो रही थी इसलिए आरबीआई को यह बड़ा फैसला करना पड़ा। आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 (Banking regulation Act, 1949) के सेक्शन 22, 4 के तहत कैंसिल किया है। इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए आरबीआई ने कहा कि सुभद्रा बैंक में ऐसे कई काम हो रहे थे जो डिपॉजिटर्स के वर्तमान और भविष्य के लिहाज से उचित नहीं थे।
ऐसे में इस बैंक को जारी रखने से पब्लिक को नुकसान पहुंच सकता है। बता दें कि किसी भी बैंक के बंद होने पर उस दौरान बैंक के सभी डिपॉजिटर्स को उनकी पूंजी वापस देने का प्रावधान है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) यह सुनिश्चित करता है। DICGC के नियमों के अनुसार यह लिमिट 5 लाख रुपये तक की ही है। इसका मतलब है कि बैंक बंद होने के बाद डिपॉजिटर्स को अधिकतम 5 लाख रुपये तक वापस मिल सकते हैं। आरबीआई का कहना है कि कराड बैंक के 99 फीसदी डिपॉजिटर्स को उनका पूरा पैसा वापस मिल जाएगा।
बैंक के पास डिपॉजिटर्स को पैसे वापस करने के लिए पर्याप्त पूंजी
आरबीआई ने कहा कि इस बैंक के मैनेजमेंट की कार्यप्रणाली को देखते हुए कहा जा सकता है कि डिपॉजिटर्स के वर्तमान और भविष्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लाइसेंस कैंसिल करने के बाद आरबीआई अब हाईकोर्ट में एक एप्लीकेशन भी डालेगा। हालांकि, आरबीआई ने यह भी कहा कि वर्तमान में सुभद्रा लोकल एरिया बैंक के पास सभी डिपॉजिटर्स को भुगतान करने के लिए पर्याप्त पूंजी है।
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