RBI के इस कदम ने बढ़ाया ब्याज का बोझ, सभी लोन होंगे महंगे, जानिए आप पर क्या पड़ेगा असर

RBI के इस कदम ने बढ़ाया ब्याज का बोझ, सभी लोन होंगे महंगे, जानिए आप पर क्या पड़ेगा असर
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लगातार बढ़ती महंगाई के बीच आम लोगों को एक और बड़ा झटका लगा है। अब आपको सभी तरह के लोन (loan) महंगे मिलेंगे, साथ ही ईएमआई (EMI) भी अधिक चुकानी पड़ेगी। देश में महंगाई की बढ़ोत्तरी को देखते हुए आज आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट (repo rate) में 0.50 फीसदी का इजाफा करने का फैसला लिया है।

RBI Repo Rate 2022: लगातार बढ़ती महंगाई के बीच आम लोगों को एक और बड़ा झटका लगा है। अब आपको सभी तरह के लोन (loan) महंगे मिलेंगे, साथ ही ईएमआई (EMI) भी अधिक चुकानी पड़ेगी। देश में महंगाई की बढ़ोत्तरी को देखते हुए आज आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट (repo rate) में 0.50 फीसदी का इजाफा करने का फैसला लिया है। इसके बाद अब रेपो रेट 4.90% से बढ़कर 5.40% गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की बीते दिनों से ब्याज की पॉलिसी को लेकर मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक हो रही है। आज बैठक के पूरा होने के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है, जिसके बाद अब रेपो रेट 4.90% से 5.40% हो गया है। MSF को 5.15% से बढ़ाकर 5.65% कर दिया गया है।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास 3 अगस्त से 5 अगस्त तक चली केंद्रीय बैंक के फैसले के बारे में कहा कि कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्वाभाविक रूप से वैश्विक आर्थिक स्थिति से प्रभावित हुई है। हम उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से जूझ रहे हैं। हमने वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 3 अगस्त तक 13.3 अरब अमेरिकी डॉलर के बड़े पोर्टफोलियो का प्रवाह देखा है।

शक्तिकांत दास ने जानकारी देते हुए बताया कि RBI ने तत्काल प्रभाव से रेपो रेट 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 5.4% कर दिया है। 2022-23 के लिए रियल जीडीपी विकास अनुमान 7.2% है जिसमें Q1- 16.2%, Q2- 6.2%, Q3 -4.1% और Q4- 4% व्यापक रूप से संतुलित जोखिमों के साथ होगा। 2023-24 के पहले तिमाही (Q1) में रियल जीडीपी वृद्धि 6.7% अनुमानित है। साथ ही उन्होंने कहा, 2022-23 में मुद्रास्फीति 6.7% रहने का अनुमान है। 2023-24 के पहले तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5% अनुमानित है।

साल 2022 में तीसरी बार बढ़ चुका हैं रेपो रेट

आरबीआई के मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक हर दो महीने में आयोजित की जाती है। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली बैठक अप्रैल महीने में हुई, जिसमें रेपो रेट को 4% स्थिर रखा गया था। लेकिन 3-4 मई को आरबीआई की इमरजेंसी मीटिंग में रेपो रेट 4% से बढ़ाकर 4.40% कर दिया गया। 6-8 जून के बीच मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट में 0.50% का इजाफा किया गया और रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गया। अब आज हुई बढ़ोत्तरी के बाद 5.40% पहुंच गया है।

रेपो रेट बढ़ने से क्या असर पड़ेगा

सीधी बात है कि बाजार में महंगाई बढ़ेगी तो आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोत्तरी करेगा। रेपो रेट के बढ़ने से मतलब है कि आप आरबीआई से कर्ज में पैसे लेंगे तो आपको बढ़ी ब्याज की दर में पैसा उपलब्ध होगा। सौ बात की एक बात लोन के बदले ईएमआई ज्यादा चुकानी होगी। रेपो रेट घटेगा तो आपको बैंक कम ब्याज दरों पर कर्ज देगा।

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