भारत में लिंग भेद और डिजिटल जेंडर डिवाइड को खत्म करने के लिए साथ आई नीता अंबानी और इवांका ट्रंप

भारत में लिंग भेद और डिजिटल जेंडर डिवाइड के खात्मे के लिए अब रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी और इवांका ट्रंप एक साथ आ गई हैं। इसके लिए नीता अंबानी ने यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलेपमेंट यानी USAID के साथ हाथ मिलाया है। जिसमें अमेरीकी राष्ट्रपति की बेटी और एडवाइजर इवांका ट्रंप मुख्य अतिथी के तौर पर कार्यक्रम में मौजूद रहीं थी।
दरअसल, अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2019 में दुनिया भर में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए 'वूमेंस ग्लोबल डेवलेपमेंट प्रोस्पेरिटी'यानी W-GDP इनिशिएटिव की शुरुआत की थी। जिसको बनाने के लिए इवांका ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। W-GDP इनिशिएटिव का लक्ष्य 2025 तक विकासशील देशों की 50 लाख महिलाओं तक पहुंचने का है।
W-GDP इनिशिएटिव के तहत रिलायंस फाउंडेशन और USAID एक साथ करेंगे काम
इस महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा W-GDP के तहत हुए एक विशेष कार्यक्रम में की गई है। इस कार्यक्रम की मेजबानी अमेरिकी उप-मंत्री स्टीफन बेजगुन ने की थी। इस कार्यक्रम में यूएसएआईडी के उप-प्रशासक बोनी ग्लिक भी शामिल रहे। इस कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए नीता अंबानी ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी और गर्व है कि USAID के साथ साझेदारी करके रिलायंस फाउंडेशन और W-GDP साथ आ रहे हैं। हम 2020 में भारत भर में एक साथ डब्ल्यू-जीडीपी वुमनकनेक्ट चैलेंज लॉन्च करेंगे। हमारा लक्ष्य, भारत में लिंग भेद और डिजिटल विभाजन दोनों के खात्में का है। इसकी वजह महिलाएं जागती है तो वो परिवारों, समाज और देश की प्रगति के नए रास्ते खोलती हैं। सही मायनों में विकसित विश्व तो उसी को कहा जा सकता है जिसमें सबसे बराबरी का व्यवहार होता हो।
रिलायंस फाउंडेशन और W-GDP भारत शुरू करेंगी वुमन कनेक्ट चैलेंज
नीता अंबानी का रिलायंस फाउंडेशन एक साथ मिलकर W-GDP भारत भर में वुमन कनेक्ट चैलेंज लॉन्च करेंगे। जो देश में लिंग भेद के खात्में के साथ साथ भारतीय महिलाओं को व्यापार में जोड़ने और उनको बढ़ावा देने का काम करेगा। राष्ट्रपति की सलाहकार इवांका ट्रंप ने कहा कि इनोवेटिव कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए डब्ल्यू-जीडीपी फंड बनाया गया था। हम अमेरिकी सरकार और निजी क्षेत्र के संसाधनों और विशेषज्ञता का लाभ उठा रहे हैं। जिससे स्थायी तौर पर ज्यादा प्रभाव पड़े।
रिलायंस जियो का भी किया जाएगा इस्तेमाल
वहीं लिंग भेद और डिजिटल जेंडर डिवाइड के लिए रिलांयस फाउंडेशन रिलायंस जियो की ताकत का भी इस्तेमाल करेगा। इसकी वजह रिलायंस जियो के करीब 40 करोड़ ग्राहक होना है। जो देश के कोने कोने में फैले हुए है। वहीं उधर रिलायंस फाउंडेशन भी अपनी स्थापना की 10वीं सालगिरह मना रहा है। पिछले एक दशक में रिलायंस फाउंडेश ने 3 करोड़ 60 लाख से अधिक जिंदगियों को छुआ है।
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