लोगों को मिली बड़ी राहत, ब्रांडेड खाद्य तेलों के दामों में आई भारी गिरावट

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आई कीमतों में कमी के कारण ब्रांडेड खाद्य तेल निर्माताओं ने 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी की है। जिससे मुद्रास्फीति का दवाब झेल रहे उपभोगताओं को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। Indian Vegetable oil Producers Association के अध्यक्ष सुधाकर राव देसाई ने कहा की कीमतों में गिरावट का असर लोकप्रिय ब्रांडों और भारतीय अर्थव्यवस्था पर तत्काल महसूस किया जाएगा, जबकि हाई-एन्ड प्रीमियम ब्रांडों की कीमतों में गिरावट का असर आम उपभोक्ताओं तक पड़ने में कुछ वक़्त लगेगा।
कीमतों की कमी के साथ मांग बढ़ने की उम्मीद को दखते हुए डिस्ट्रीब्यूटर्स भारी स्टॉक जमा करने में जुटे हैं। इन खाद्य तेलों के दामों में कटौती का असर खाद्य मुद्रास्फीति पर भी पड़ेगा। मई महीने के एडिबले आयल एंड फैट्स की श्रेणी में 13.26% मुद्रास्फीति रही, जिसका मुख्या करण पिछले एक वर्षों में भारतीय घरेलू बाज़ारों में बढे खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि है। पाम ऑयल की कीमतों में 7-8 रुपयों की कमी प्रति लीटर, वहीं सुंफ्लोवेर ऑयल की कीमतों में लगभग 10 से 15 रुपये प्रति लीटर की दर से कमी आई है। सोयाबीन के तेल के दामों में लगभग 5 रुपया प्रति ली. की कमी अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में देखि जा सकती है।
पिछले कुछ सप्ताहों से सूर्यमुखी के तेल के निर्यात कई अन्य देश जैसे की अर्जेंटीना और रूस से भी हो रहा है जिस कारण खाद्य तेल के दामों में यह कमी आई है। केंद्र सरकार के प्रयसों से भी दामों में कमी आई है क्यूंकि सरकार ने तिलहन पर कई तरह की करों में रियायतें दी हैं। सूर्यमुखी के तेल के दामों में कमी तो आई है पर यह अभी भी COVID-19 के शुरू होने के पहले के दौर के मूल्यों से ऊपर है, उम्मीद जताई जा सकती है की कुछ और गिरावट आने वाले दिनों में देखने को मिल सकते हैं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS