SBI की फिर घटी ब्याज दर से करोड़ों खाताधारकों को होगा फायदा, इतना सस्ता हो जाएगा कार से लेकर होम लोन

SBI की फिर घटी ब्याज दर से करोड़ों खाताधारकों को होगा फायदा, इतना सस्ता हो जाएगा कार से लेकर होम लोन
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अप्रैल 2016 से पहले लोन लेने वाले ग्राहकों को नहीं मिलेगा इसका फायदा। होम लोन से लेकर व्हीकल लोन पर कम हो जाएगी बैंक किस्त।

एसबीआई द्वारा लॉकडाउन के बाद एक बार फिर से ब्याज दरें घटाने का ऐलान किया गया है। जिसके बाद बैंक ने कम समय सीमा वाले एमसीएलआर दरें (MCLR) 0.05 प्रतिशत से 0.10 प्रतिशत घटाने का ऐलान किया है। जिसके बाद (SBI Interest Rate) की दर घटकर 6.65 प्रतिशत पर आ गई है। SBI का दावा है कि मौजूदा समय में उनकी एमसीएलआर दरें देश में सबसे कम हैं। ये नई दरें 10 जुलाई से लागू होंगी। वहीं यह 14वीं बार है। जब बैंक अपनी दरों में कटौती करने जा रहा है। इसका फायदा सीधे रूप से बैंक से लोन लेने वाले करोडों ग्राहकों को मिलेगा। वहीं आपको बता दें कि आरबीआई ने 22 मई को रेपो रेट को 0.40 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक ने रेपो और एमसीएलआर से जुड़ी अपनी लोन दरें पहले ही घटा दी हैं।

दरअसल, 1 जुलाई से सस्ते हो चुके (Repo Rate) रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट आधारित लोन के एसबीआई एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड लेंडिंग रेट (ईबीआर) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) की दरें भी घटा चुका है। इन दोनों दरों में पहली जुलाई से 0.40 प्रतिशत की कटौती लागू हुई है। इस कटौती के बाद सालाना ईबीआर 7.05 प्रतिशत से घटकर 6.65 प्रतिशत पर आ गई है। इसी तरह आरएलएलआर 6.65 प्रतिशत से कम होकर 6.25 प्रतिशत पर आ गई है। ऐसे में बैंक ने होम लोन, कार लोन से लेकर अन्य दूसरे लोन लेने वाले ग्राहकों को अच्छा लाभ मिला है। बैंक से लोन लेकर ईएमआई भर रहे ग्राहकों को अब इसमें छूट मिलेगी। जिसके अंर्तगत करोडों ग्राहक फायदा ले सकेंगे।

यह होता है एमसीएलआर

एक्सपर्टस के अनुसार, एमसीएलआर वह दर होती है जिससे नीचे पर बैंक लोन नहीं दे सकता। ऐसे में इसके कम हो जाने से अब कम दर पर बैंक लोन देने में सक्षम हो जाएगा। इसमें मुख्य रूप से हाउस लोन से लेकर वाहन लोन तक आपके लिए सब के सब सस्ते हो सकते हैं। लेकिन यह फायदा नए ग्राहकों के साथ साथ सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को मिलेगा जिन्होंने अप्रैल 2016 के बाद लोन लिया है। इसकी वजह उसके पहले लोन देने के लिए तय मिनिमम रेट बेस रेट कहलाना था।

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