Stock Market Crash: मंदी की आहट से क्रैश हुआ शेयर बाजार, इतने हफ्तों से निचले स्तर पर है सेंसेक्स...

Stock Market Crash: मंदी की आहट से क्रैश हुआ शेयर बाजार, इतने हफ्तों से निचले स्तर पर है सेंसेक्स...
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शेयर बाजार यानी इक्विटी मार्केट एक ऐसा प्लैटफॉर्म है, जो कंपनियों और निवेशकों को एक-दूसरे से जोड़ता है। कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए शेयर बाजार में लिस्ट होती हैं। शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद निवेशक कंपनियों के शेयरों खरीदते और बेचते हैं।

भारतीय शेयर बाजार (Share Market) मंदी के जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। दोनों बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी (Sensex and Nifty) 16 जून को 52-सप्ताह के निचले स्तर तक गिर गए। बीते पांच सत्रों से बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। फेड नतीजों के बाद बाजार की शुरुआत तो 600 अंकों की तेजी के साथ हुई, लेकिन बाद में गिरावट बढ़ती गई और आखिरकार बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 1,045 अंक या 1.9 प्रतिशत गिरकर 51,570 पर और निफ्टी (Nifty) 50,300 अंक से अधिक गिरकर 15,386 पर बंद हुआ। यह बीते एक साल का सबसे निचला स्तर है।

जानिए क्या है शेयर बाजार:-

शेयर बाजार (Share Market) यानी इक्विटी मार्केट एक ऐसा प्लैटफॉर्म है, जो कंपनियों और निवेशकों को एक-दूसरे से जोड़ता है। कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए शेयर बाजार में लिस्ट होती हैं। शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद निवेशक कंपनियों के शेयरों खरीदते और बेचते हैं।

भारत में दो बड़े शेयर बाजार हैं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई। बीएसई एशिया का सबसे पुराना शेयर बाजार है। इसकी स्थापना 1895 में की गई थी। एनएसई भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार है।

कारोबारी सत्र के अंत में 30 अंक वाला सेंसेक्स (Sensex) 1045.60 अंक टूटकर 51,495.79 पर बंद हुआ। वहीं, 50 अंक वाला निफ्टी (Nifty) 331.55 प्वाइंट टूटकर 15,360.60 अंक के स्तर पर आ गया। शेयर बाजार (Share Market) की रिकॉड गिरावट से निवेशकों के गुरुवार को उनके 5 लाख करोड़ से भी ज्यादा डूब गए। पिछले पांच कारोबारी सत्र में सेंसेक्स में 3,824.49 अंक की गिरावट आ चुकी है।

आपको बता दे कि, इससे पहले फेडरल रिजर्व से जैसी उम्मीाद की जा रही थी वैसा ही किया। बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के खिलाफ फेडरल रिजर्व ने बड़ा फैसला लेते हुए करीब 28 वर्षों में सबसे आक्रामक तरीके से ब्याज दर में इजाफे की घोषणा की।

फेडरल की तरफ से ब्याबज दर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि की गई। इसके साथ ही अमेरिका में ब्यााज दरें बढ़कर 1.75 फीसदी हो गई हैं। वहीं यूएस फेडरल ने महंगाई पर काबू के लिए 1994 के बाद पहली बार एक बार में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने इससे पहले नवंबर 1994 में ब्याज दर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की थी।

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