Sunday Special: इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का है प्लान? पहले जान लीजिए इसके फायदे और नुकसान

ऑटो मोबाइल (Automobile) के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा से ज्यादा विस्तार किया जा रहा है। वहीं, देश की सरकार भी इसे लेकर जोर दे रही है। भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Electric Mobility) की ओर आगे बढ़ने के लिए तैयार है। उम्मीद है कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles In India) का ही होगा। संभावना है कि साल 2025 तक देश के लगभग राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों का पूर्ण तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगेगा। ऐसे में जरूरी है कि आप इलेक्ट्रिक वाहनों (Advantages and Disadvantages Of EV) से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में जान लें। आज हम आपको भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages Of Electric Vehicles In India) के बारे में बताने जा रहे हैं, आइए जानते हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन के फायदे
1. महंगी ईंधन की जरूरत नहीं पड़ती- इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी से चलते हैं। इसे चार्ज करने के लिए घर की बिजली का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए किसी तरह के महंगे ईंधनों की जरूरत नहीं पड़ती है। आप अपने घर, ऑफिस या चार्जिंग सेंटर में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज कर सकते हैं।
2. पर्यावरण के लिए सुरक्षित- इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से पर्यावरण दूषित नहीं होता है। ऐसे में पर्यावरण सुरक्षित रहता है। पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होते हैं।
3. नहीं करता ध्वनि प्रदुषण- इलेक्ट्रिक वाहनों का इंजन आवाज नहीं करता है। क्योंकि इसमें किसी तरह का कोई Combution नहीं होता है। यहां तक उच्च acceleration के दौरान भी ईवी के इंजन से आवाज नहीं आती है। जिससे ध्वनि प्रदुषण भी नहीं होता है।
4. ब्रेक लगाने पर होती है बैटरी चार्ज- ईंधन से चलने वाले वाहनों में जब ब्रेक लगाया जाता है तो वो ऊर्जा का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसमें ब्रेक लगाने से इसकी ऊर्जा उड़ती नहीं बल्कि बैटरी चार्ज के लिए यूज हो जाती है।
5. अन्य की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन सुरक्षित- पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन काफी सुरक्षित माने गए हैं। जिस तरह से ईंधन की गाड़ियों को टेस्ट किया जाता है, वैसे ही इलेक्ट्रिक वाहनों की भी जांच होती है। जिसमें देखा गया है कि ये वाहन दुर्घटनाग्रस्त होती हैं। इस वाहन में ऐसा सेंसर होता है जो खुद बिजली की सप्लाई कर रोक देता है।
6. बचत- इलेक्ट्रिक वाहनों बिजली से चार्ज होकर चलती है। प्रति लीटर ईंधन से बिजली की प्रति यूनिट दर कम होता है और प्रति किलोमीटर के लिए इलेक्ट्रिक वाहन का खर्चा भी कम आता है। इससे आपकी जेब खर्च पर भी ज्यादा खास असर नहीं पड़ेगा।
7. रख-रखाव में कम खर्च- इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी की मदद से मोटर के जरिए चलती है। इसमें Combution, Lubricants या मोबाइल जैसी तरल पदार्थ की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों के रख-रखाव में कम खर्च आता है। अन्य वाहनों की तरह इसकी बार-बार सर्विसिंग करवाने की भी कोई जरूरत नहीं है।
8. बैटरी का जीवनकाल- इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। कई सालों तक ये बैटरी बिना किसी समस्या के चल सकती है। अनुकूल होने के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन रेंज भी लंबी देती है। इनमें लगने वाली बैटरी की कीमत भी ज्यादा नहीं होती है।
इलेक्ट्रिक वाहन के नुकसान
1. रेंज बधाएं- इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर कुछ खास रेंज तय किए गए हैं जिसे आगे नहीं किया जा सकता है। ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहनों की 100 किलोमीटर तक की रेंज हो सकती है। हालांकि, इससे ज्यादा दूरी तय करने के लिए साथ में एक अलग से बैटरी केयरी करनी होगी। वहीं, ऑटो क्षेत्र में कई वाहन कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज बढ़ाने के लिए काम कर रही है, ऐसे में आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज बढ़ सकती है।
2. चार्जिंग स्टेशन- अभी तक इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए काफी कम स्टेशन मौजूद हैं। यहां तक कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबद और बैंगलोर जैसी राज्यों में भी ज्यादा स्टेशन नहीं है। हालांकि, यहां चार्जिंग स्टेशन बनाने को लेकर काम शुरू है। संभावना है कि आने वाले सालों में देश के ज्यादातर शहरों में चार्जिंग स्टेशन बन जाएंगे।
3. महंगी गाड़ियां- पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन ज्यादा महंगी पड़ती है। जितनी कीमत में इलेक्ट्रिक वाहन आए गया उतने में और ज्याजा अन्य पावर फुल वाहन को खरीदा जा सकता है। इलेक्ट्रिक के दोपहिया वाहन पेट्रोल और डीजल से कम पावरफुल हैं।
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