Sunday Special : IPO वर्ष हो सकता है 2021, पैसा बनाने का अच्छा अवसर, गतिविधियां बढ़ने से घरेलू शेयर बाजारों में लौट रही तेजी

नई दिल्ली। शेयर बाजारों (Share Markets) में आसमान छूते सेंसेक्स (Sensex) के बीच कंपनियों के बीच प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (Initiate Public offering) लाने की होड़ सी लग गई है। अगस्त इस महीने की ही बात करें तो केवल 20 दिन में ही 23 कंपनियों ने IPO की अनुमति के लिये Sebi के पास दस्तावेज (Documents) जमा कराकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। ये आईपीओ दस्तावेज (IPO documents) बाजार से 40 हजार करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के लिए जमा कराए गए हैं। वहीं आठ कंपनियां पहले से ही बाजार में उतरीं हुई हैं और 18,200 करोड़ रुपये बाजार से जुटायेंगी। इनमें से कई कंपनियां स्टार्ट-अप क्षेत्र से हैं। इनमें वित्तीय प्रौद्योगिकी (financial technology), ई-कॉमर्स (E-commerce), ऑनलाइन ट्रैवल (Online Travel) और सास (Software as a services) वर्ग शामिल हैं।
आरबीआई ने दिए ये संकेत
Reserve bank of india के एक लेख में कहा गया कि domestic unicorn enterprises के IPO के साथ capital market में उतरने से वर्ष 2021 IPO वर्ष बन सकता है। इन IPO से जहां एक तरफ 'घरेलू शेयर बाजारों में तेजी है वहीं वैश्विक निवेशकों में यह उन्माद भरने' का काम कर रहे हैं। यूनिकॉर्न उन स्टार्ट-अप (Unicorn Those Start-ups) को कहते हैं जिनका बाजार मूल्यांकन एक अरब डॉलर का हो जाता है।
वित्तीय बाजारों में नयी ऊर्जा भर रही वृद्धि की रफ्तार
हाल के महीनों में नयी कंपनियों द्वारा लाए गए सफल IPO भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जारी तेजी को दिखाते हैं। RBI ने 'अर्थव्यवस्था की स्थिति' विषय पर एक लेख में कहा कि वृद्धि की रफ्तार वित्तीय बाजारों में नयी ऊर्जा भर रही है। वर्ष 2021 भारत में आईपीओ वर्ष बन सकता है। भारतीय यूनिकॉर्न - गैर-सूचीबद्ध स्टार्ट-अप द्वारा (आईपीओ की) पहली पेशकश एक फूड डिलीवरी ऐप (Food Delivery App) के शानदार IPO के साथ हुई जिसके लिए 38 गुना ज्यादा आवेदन मिले। इनकी वजह से घरेलू Share markets में तेजी का रुख है वहीं वैश्विक निवेशकों में उन्माद है। लेख में जिस फूड डिलीवरी एप का उल्लेख किया गया है वह जोमैटो है जिसका IPO हाल ही में पेश किया गया और उसे तय सीमा से 38 गुणा अधिक आवेदन प्राप्त हुए।
एक नये युग की हुई शुरुआत
हालांकि, RBI ने कहा कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और जरूरी नहीं कि वे रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हों। लेख में आगे एक वित्तीय सेवा ऐप पेटीएम (Paytm) का उदाहरण देते हुए कहा गया कि 'एक भुगतान और वित्तीय सेवा ऐप द्वारा 2.2 अरब डॉलर जुटाने के लिए प्रस्तावित आईपीओ, भारत के डिजिटलीकरण - डिजिटल भुगतान समाधान (digital payment solutions), ई-कॉमर्स (E-commerce), लॉजिस्टिक्स (Logistics) को लेकर निवेशकों (Inversters) के उत्साह को दिखाता है।
विनिर्माण गतिविधियों में आ रही तेजी
लेख में साथ ही कहा गया कि manufacturing activities में धीरे-धीरे तेजी और सेवाओं के संकुचन में नरमी के साथ अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है। लेख के अनुसार कोविड-19 से जुड़े लॉकडाउन (Covid-19 Lockdown) के हटने के बाद मांग के जोर पकड़ने के साथ मांग की कुल दशाएं बेहतर हो रही हैं, जबकि मानसून (monsoon) के अपने सामान्य स्तर पर पहुंचने और बुआई गतिविधियों में तेजी आने के साथ आपूर्ति की स्थिति भी सुधर रही है। लेख में कहा गया कि अर्थव्यवस्था में तेजी की पुष्टि करते हुए, विनिर्माण गतिविधि धीरे-धीरे तेज हो रही हैं जबकि सेवाओं का संकुचन कम हो गया है। सहज तरलता की स्थिति सेप्रेरित होकर, वित्तीय स्थिति सौम्य रहती है और सुधार में मदद करती है।
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