Sunday Special : क्या आपने देखे हैं लाखों रुपये किलो के ये आम, एक किलो खरीदने के लिए लेना पड़ सकता है लोन

नई दिल्ली। आम (Mango) फलों में एक इकलौता ऐसा फल है जो हर किसी की पहली पसंद होता है। चाहे गरीब हो या अमीर सभी आम के शौकीन होते हैं। तभी तो इसे फलों का राजा कहा जाता है। वैसे तो आपने कई प्रकार के आम खाए होंगे जैसे दसहरी, चौसा, लंगड़ा, सफेदा, तोता परी जैसे आम मार्किट में मिल रहे हैं। मगर क्या आपने कभी ऐसा भी आम देखा है जिसकी कीमत लाखों में हो। इक्कीस हजार का एक आम और दो लाख 70 हजार रुपये का एक किलो। सुनने में जरूर आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन ये सच है। सोशल मीडिया पर एक फोटो काफी वायरल हुई है जिसमें एक आम के पेड़ की रखवाली करते गार्ड और खूंखार कुत्ते तैनात हैं। दरअसल ये सभी एक बेहद खास आम के पेड़ और उस पर लगे आमों की हिफाजत कर रहे हैं। ये आम जापान की एक दुर्लभ प्रजाति का है जो भारत में सिर्फ मध्यप्रदेश के जबलपुर में पाया जाता है। इस आम का नाम है मियाजाकी आम (Miyazaki mango)। इस आम को बीते साल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2 लाख 70 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा गया था।
इत्तेफाक से मिले पौधे
जबलपुर के एक दम्पति हैं रानी और संकल्प परिहार जिनके पास विभिन्न पेड़ पौधों के बागीचे हैं। बताया जाता है कि संकल्प परिहार अपने बाग के लिए पौधे खरीदने एक बार चेन्नई जा रहे थे। रास्ते में ट्रेन में उनको एक व्यक्ति मिला जिसने आम के कुछ पौधे बेचने की पेशकश की। संकल्प परिहार के अनुसार उस व्यक्ति ने कहा था कि इन पौधों की देखभाल अपने बच्चों की तरह करिएगा। संकल्प परिहार ये पौधे ले आये और अपने बाग में लगा दिए। उनको इनकी खासियत के बारे में कुछ भी पता नहीं था। पिछले साल जब पेड़ में आम आये तो उन्होंने देखा कि वे एकदम लाल रंग के थे। इसपर उन्होंने इन आम का नाम अपनी माँ के नाम पर दामिनी रख दिया। बाद में संकल्प और रानी ने इस आम के बारे में ऑनलाइन रिसर्च की तो पाया कि ये दुनिया का सबसे महंगा मियाजाकी आम है। जल्दी ही ये खबर फैल गयी और इसका नतीजा हुआ कि उनके आम कोई चोर तोड़ ले गया। इस बार उन्होंने इन पेड़ों और उनपर लगे सात आमों की रक्षा के लिए अलग इंतजाम कर लिया है और चार गार्ड व 6 अल्सेशियन कुत्ते लगा रखे हैं।
क्या है इस आम की खासियत?
ये आम जापान के मियाजाकी शहर में सबसे पहले पाया गया था लेकिन अब ओकिनावा में भी इसकी पैदावार होती है। गर्म मौसम, देर तक सूरज की रोशनी और भरपूर बारिश इस आम के उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण है। ये आम अप्रैल से अगस्त के बीच होता है। मियाजाकी आम का रंग लाल होता है। इसी वजह से इसे एग ऑफ सन यानी सूरज का अंडा भी कहा जाता है। इसके एक आम का वजन करीब 350 ग्राम होता है।
क्यों है इतना महंगा?
मियाजाकी आम में ऐंटीऑक्सीडेट्स (Antioxidant), बीटा-कैरोटीन (beta-Carotene) और फॉलिक एसिड(Folate) भरपूर मात्रा में पाए जाते है। ये सब तत्व आंखों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर यह आम कैंसर से बचाता है, कोलेस्ट्रॉल कम करता है, स्किन के लिए फायदेमंद होता है और इम्यूनिटी बढाने का काम करता है। मियाजाकी आम में 15 फीसदी से अधिक शक्कर होती है। इस आम के हेल्थ बेनेफिट्स (Health Benefits) की वजह से खरीदार इसकी मुंहमांगी कीमत देने को तैयार रहते हैं। यही वजह है कि ये इतना महंगा बिकता है। जापान में ये आम किसी को सम्मानित करने के लिए गिफ्ट के तौर पर दिया जाता है। मियाजाकी आम को निर्यात से पहले सख्त जांच और परीक्षण के दौर से गुजरना पड़ता है। परीक्षण में देखा जाता है कि कहीं इस आम को क्रॉस ब्रीड करके तो नहीं उगाया गया है। सिर्फ प्योर ब्रीड के ही मियाजाकी आम का महत्त्व है। जापान के अलावा भारत, थाईलैंड और फिलीपींस में भी यह आम पाया जाता है। बांग्लादेश में भी कई जगह इस आम के पेड़ हैं। समझा जाता है कि चीन में भी इस आम की फसल तैयार करने पर काम चल रहा है।
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