इस टेलीकॉम कंपनी को अप्रैल से जून के बीच हुआ 15933 करोड़ रुपये का घाटा, जानिए वजह

टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल को इस चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 15,933 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह बड़ा घाटा मुख्यत सांविधिक बकाये के लिए प्रावधान की वजह से है। वहीं कोरोना और लॉकडाउन के दौरान एयरटेल की धीमी इंटरनेट स्पीड के चलते लाखों यूजर्स से उसका साथ छोड दिया। वहीं इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 2,866 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। तिमाही के दौरान दूरसंचार कंपनी की आय 15.4 प्रतिशत बढ़कर 23,939 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी।
दरअसल, भारती एयरटेल ने अपने बयान में कहा कि इमरजेंसी खर्च को हटा दिया जाए, तो इस पहली तिमाही में एयरटेल को 436 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है। इसको जोड़ने के बाद उसका एकीकृत शुद्ध घाटा 15,933 करोड़ रुपये बैठता है। कंपनी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल राजस्व (AGR) के भुगतान की अवधि पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। कंपनी का दावा है कि इसी के मद्देनजर उसने तिमाही के दौरान 10,744.4 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ प्रावधान किया है। टेलीकॉम विभाग की मांग तथा जिस अवधि के लिए मांग अभी नहीं मिली है। उसी को देखते हुए प्रावधान की गणना लाइसेंस करार, न्यायालय के फैसले और एजीआर प्रावधान पर दिशानिर्देशों-स्पष्टीकरण के हिसाब से की गई है। इसे आकस्मिक मद में दिखाया गया है।
टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल भारत में दूसरे नंबर पर है। वहीं कंपनी में लगातार हो रहे अपने घाटे को कम करने के लिए हाल ही में एक कंपनी से साझेदारी भी फाइनल की थी। हालांकि इस कंपनी ने एयरटेल का कितना भुगतान किया। इसकी जानकारी कंपनी ने नहीं दी है। वहीं एयरटेल अपनी यूजर्स को बनाये रखने से लेकर ज्यादा से ज्यादा कमाई करने के लिए नये नये तरीके अपना रही है।
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