Bank Strike : बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का सरकारी लेनदेन पर पड़ा खासा असर, इतने करोड़ के चेक क्लीयरेंस नहीं हो पाए

नई दिल्ली। बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक यूनियन की तरफ से की गई हड़ताल का पहले दिन 15 मार्च को कामकाज ठप रहा। करीब दस लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। दो दिवसीय हड़ताल के आह्वान के तहत आज हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। वहीं पहले दिन केंद्र सरकार की ओर से बजट 2021 में की गई सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण (PSBs Privatizations) की घोषणा के खिलाफ यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) के तहत 9 यूनियन ने 15 और 16 मार्च को बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल (Banks Strike) का आह्वान किया था। इसके तहत सोमवार यानी 15 मार्च 2021 को सरकारी बैंकों (PSBs) में कामकाज ठप रहा। हालांकि, निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एक्सिस बैंक (Axis Bank) की शाखाएं रोजमर्रा की तरह काम करती रहीं.
हड़ताल का ये पड़ा असर
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सरकार के निजीकरण कार्यक्रम के तहत दो सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की घोषणा की थी। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) का निजीकरण कर चुकी है। IDBI Bank की ज्यादातर हिस्सेदारी बीमा क्षेत्र की कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को बेच दी गई। इसके अलावा सरकार पिछले चार साल में 14 बैंकों का विलय (Merger) कर चुकी है। आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसिएशन (AIBEA) के महासचिव सीएच वेंकटचलम के मुताबिक, बैंकों के शाखा स्तर पर चेक क्लीयरेंस और सरकारी लेनदेन पर हड़ताल का असर पड़ा है। वहीं हड़ताल के पहले दिन चेक क्लीयरेंस के करीब 1600 करोड़ रुपये का क्लीयरेंस नहीं हो सका। जो बहुत मोटी रकम है।
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