लॉकडाउन के बाद खाली पड़े बाजार, ग्राहकों को लुभाने के लिए ऐसे ऐसे प्रयास कर रहे हैं व्यापारी

लॉकडाउन के बाद खाली पड़े बाजार, ग्राहकों को लुभाने के लिए ऐसे ऐसे प्रयास कर रहे हैं व्यापारी
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सरकार से प्रवासी मजदूरों का भी वापस लाने की कर रहे हैं मांग। छूट के बाद भी मार्केट नहीं पहुंच जा रहा ग्राहक

कोरोना वायरस महामारी के बीच दिल्ली में बाजार खुले करीब दो माह हो गये हैं, लेकिन इसके बावजूद व्यापारी परेशान हैं। व्यापारियों का कहना है कि बाजार में अभी ग्राहक नहीं आ रहे हैं, इसके अलावा उन्हें कर्मचारियों की कमी से लेकर नकदी संकट से भी जूझना पड़ रहा है। कई व्यापारी और दुकानदार ग्राहकों को भारी 'छूट' की पेशकश कर रहे हैं। इसके अलावा वे सोशल मीडिया के जरिये भी ग्राहकों का भरोसा कायम करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी उन्हें इसमें अधिक सफलता मिलती नहीं दिख रही है।

मास्क और सेनेटाइजर भी दे रहे हैं फ्री

दरअसल, व्यापारी ग्राहकों की सुरक्षा के लिये निशुल्क मास्क, सेनेटाइजर की भी व्यवस्था किये हुए हैं। कुछ तो सामान खरीदने पर ग्राहकों को सेनेटाइजर और मास्क मुफ्त में दे रहे हैं। वहीं व्यापारी संगठन केंद्र और दिल्ली सरकार के संपर्क में हैं। वे चाहते हैं कि प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएं, तो श्रम संकट की समस्या का हल मिल सके। दिल्ली में बाजार 17 मई के बाद लॉकडाउन में ढील के बाद खुले थे। इस दौरान दुकानों के लिए सम-विषम फॉर्मूला लागू किया गया था। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के प्रमुख ब्रिजेश गोयल ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर डर और कई अन्य कारणों से मांग नहीं है। इसके अलावा व्यापारियों के समक्ष नकदी की संकट है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विनिर्माताओं से लेकर थोक और खुदरा व्यापरियों तक आपूर्ति श्रृंखला बाधित है। गोयल ने कहा, प्रवासी श्रमिकों के अपने गांवों को लौटने के बाद व्यापारियों को श्रमिकों की कमी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। हालांकि, श्रमिक वापस आना चाहते हैं, लेकिन परिवहन की समस्या है। हमें केंद्र और दिल्ली सरकार से उनके लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाने का आग्रह कर रहे हैं।

सरोजनी नगर मिनी मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में ग्राहकों का भरोसा कमाने के लिए व्यापारी कई कदम उठा रहे हैं। रंधावा ने कहा,अभी मांग कोविड-19 से पूर्व के स्तर के करीब 10 से 15 प्रतिशत के बराबर है। हम ग्राहकों को भारी छूट देकर और संक्रमण से बचाव के सभी उपायों के जरिये उनका भरोसा कायम करने का प्रयास कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह हमने ग्राहकों को 20 से 30 प्रतिशत की छूट दी थी, लेकिन मांग में सुधार नहीं हुआ। हम पूरी तरह सफाई व्यवस्था पर ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए ग्राहकों को मुफ्त मास्क भी दिया जा रहा है, लेकिन संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से उनका भरोसा कायम नहीं हो पा रहा है। ग्राहकों को बाजार में वापस लाने के लिए कृष्णा नगर और करोल बाग के व्यापारियों के संगठन ने स्थानीय निकायों से बाजारों में वाहनों को आने की अनुमति देने का आग्रह किया है।

न्यू दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि कनॉट प्लेस जैसा बाजार भी आज सूना है। भार्गव ने कहा कि ग्राहक बाजार से गायब हैं। बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में सिर्फ 10-12 प्रतिशत है। व्यापारियों और दुकानदारों के लिए काफी संकट है। उन्होंने कहा, ''हम सोशल मीडिया मंचों मसलन फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप और अखबारों में विज्ञापनों के जरिये ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन संक्रमण के डर से लोग बाजार आने से कतरा रहे हैं।'' खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मेहरा ने कहा, 'ऐसे संकट के समय सरकार हमारी मदद कर करती है। सरकार कम ब्याज पर कर्ज, कर राहत और विभिन्न शुल्कों को माफ कर व्यापारियों को संकट से उबार सकती है।'' उन्होंने कहा कि अभी हमारा खर्च आमदनी से कहीं अधिक बैठ रहा है और हमें भारी नुकसान हो रहा है।

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