Twitter को आईटी नियमों का पालन नहीं करना पड़ा भारी, भारत ने खत्म की कानूनी सुरक्षा, गाजियाबाद में पहला केस दर्ज

नई दिल्ली। नए आईटी नियमों का पालन नहीं करना माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) को भारी पड़ गया है। भारत सरकार ने ट्विटर को तगड़ा झटका देते हुए कंपनी को मिला कानूनी संरक्षण (Legal Protection) अब खत्म कर दिया है। ट्विटर को ये कानूनी संरक्षण आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिला हुआ था। ये धारा Twitter को किसी भी कानूनी कारवाई, मानहानि या जुर्माने से छूट देता था। कानूनी संरक्षण खत्म होते ही ट्विटर के खिलाफ पहला मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दर्ज किया गया है।
Twitter के अलावा नौ लोगों पर केस दर्ज
ट्विटर के खिलाफ ये केस बुजुर्ग से मारपीट के बाद फर्जी वीडियो के वायरल होने के बाद दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में ट्विटर के अलावा नौ लोगों पर भी केस दर्ज किया है. ट्विटर पर फर्जी वीडियो के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगा है। बता दें कि ट्विटर का कानूनी संरक्षण खत्म होने को लेकर केंद्र सरकार ने कोई भी आदेश जारी नहीं किया है। सरकार द्वारा बनाए गए नियम का पालन नहीं करने से ये कानूनी संरक्षण अपने आप खत्म हुआ है। कानूनी संरक्षण 25 मई से खत्म माना गया है।
भारत सरकार के फैसले के बाद क्या बोला ट्विटर
कानूनी संरक्षण खत्म होने के बाद ट्विटर ने कहा है कि हम आईटी मंत्रालय को प्रक्रिया से अवगत करा रहे हैं। हमने अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी को बरकरार रखा है और इसका विवरण जल्द ही सीधे मंत्रालय (Ministry) के साथ साझा किया जाएगा। ट्विटर नए दिशानिर्देशों (New Guidelines) का पालन करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है।
ट्विटर ने शिकायत अधिकारी का विवरण अभी तक नहीं किया साझा
गौरतलब है कि ट्विटर ने सरकार के सोशल मीडिया नियमों के तहत अपने मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और शिकायत अधिकारी का विवरण अभी तक सरकार से साझा नहीं किया है। इन नियमों के तहत जब तक ट्विटर आइटी एक्ट के नियमों का पालन कर रहा था, उसे मध्यस्थ का दर्जा हासिल था, जो नियमों का पालन नहीं करने से अपने आप खत्म मान लिया गया है।
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