Budget 2023: भारतीय ऑटो सेक्टर को बजट से हैं ये उम्मीदें, यहां जानिए अपने फायदे की बात

Budget 2023 Automobile Industry Expectations: भारत की कुल जीडीपी (GDP) में ऑटो सेक्टर (auto sector) का 6 प्रतिशत योगदान है। ऑटो इंडस्ट्री (auto industry) को बीते कुछ समय से काफी अच्छा बूस्ट मिला है। बीते साल कंपनियों ने 42 लाख से अधिक गाड़ियों की बिक्री की और भारत दूनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार (auto market) बन गया। निश्चित तौर पर ऑटो सेक्टर के ग्रोथ में सरकार की भूमिका भी रही है। 1 जनवरी के दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए आम बजट पेश करेंगी। हर सेक्टर की तरह ऑटो सेक्टर को भी बजट से काफी अधिक उम्मीदें हैं। आइए आपको बताते हैं कि इस बार के आम बजट में ऑटो सेक्टर के लिए क्या कुछ होगा खास...
लंबे समय से देखा जा रहा है कि भारत सरकार इलेक्ट्रिक और वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा दे रही है। इन गाड़ियों के लिए सरकार FAME स्कीम, PLI जैसी स्कीम भी लेकर आई है। ईवी ऑटो कंपनियां चाहती हैं कि FAME स्कीम को साल 2024 तक बढ़ा दिया जाए। वहीं बजट से सबसे बड़ी उम्मीद यह है कि इलेक्ट्रिक सेगमेंट की गाड़ियों पर लगने वाले जीएसटी में राहत दी जाए। ताकि गाड़ियों के रेट कम हो और ईवी सेक्टर की ग्रोथ तेजी से बढ़े। ऑटो सेक्टर से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि इस बार के बजट में टैक्स की दरें कम होंगी।
इलेक्ट्रिक व्हीक्लस पर अभी के समय 5 प्रतिशत GST देना होता है, लेकिन ईवी गाड़ियों के पार्ट्स पर 18 और 28 फीसदी GST देना पड़ता है। कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि जीएसटी की दरों पर बजट में राहत दी जाएगी। इन सब के अलावा, सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) के डायरेक्टर जनरल और हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ ने सरकार के सामने मांग रखी है कि फेम पॉलिसी सब्सिडी का फायदा सीधे ग्राहकों को मिलना चाहिए। ऑटो इडस्ट्री की मांग है कि GST रेट को नए सिरे से तय हो और इसे निचले टैक्स ब्रैकिट में लाया जाए। अब देखना दिलचस्प होगा कि 1 फरवरी के दिन ऑटो सेक्टर की झोली में बजट से क्या-क्या आता है।
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