कोरोना की दूसरी लहर में महिलाओं के मुकाबले शहरी पुरुषों की गईं ज्यादा नौकरियां, जानें कितने प्रतिशत लोग हुए बेरोजगार

कोरोना की दूसरी लहर में महिलाओं के मुकाबले शहरी पुरुषों की गईं ज्यादा नौकरियां, जानें कितने प्रतिशत लोग हुए बेरोजगार
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टर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान शहरी पुरुषों ने महिलाओं की तुलना में अधिक नौकरियां खोयीं।

मुंबई। कोरोना वायरस महामारी ने देश में जो हालात पैदा कर दिए हैं वो शायद ही कोई भूल पाए। इस बीमारी की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। जिन्हें अपने घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Center For Monitring Indian Economy) के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) के दौरान शहरी पुरुषों ने महिलाओं की तुलना में ज्यादा नौकरियां खोयीं हैं।

CMIE के प्रबंध निदेशक और सीईओ महेश व्यास (Mahesh Vyas) ने अपने विश्लेषण में कहा कि कोरोना वायरस की पहली लहर (Corona Virus First Wave) के कारण नौकरियों का सबसे अधिक नुकसान शहरी महिलाओं में हुआ था। उन्होंने कहा कि शहरी महिलाएं कुल रोजगार का लगभग तीन प्रतिशत हिस्सा हैं, लेकिन महामारी की पहली लहर में कुल नौकरी का 39 प्रतिशत नुकसान महिलाओं को हुआ।

पुरुषों पर आया नौकरी छूटने का बोझ

महेश व्यास ने कहा कि 63 लाख नौकरियों (63 Lakh Jobs) के नुकसान में से, शहरी महिलाओं को 24 लाख का नुकसान हुआ। हालांकि, दूसरी लहर के दौरान, शहरी महिलाओं को नौकरियों का सबसे कम नुकसान हुआ। अप्रैल-जून 2021 के दौरान नौकरी छूटने का बोझ पुरुषों पर आ गया है। जिसमें शहरी पुरुषों के बीच नौकरियों का कहीं अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि शहरी पुरुष भारत में कुल रोजगार का लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा हैं। मार्च 2021 तक उन्हें नौकरियों का नुकसान कम यानी 26 प्रतिशत था, लेकिन जून 2021 को समाप्त तिमाही में कुल नौकरी के नुकसान में उनकी हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक थी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अपनी नौकरी वापस मिल गई या उन्हें वैकल्पिक नौकरी मिली, उन्हें कम मजदूरी दरों पर काम मिला और घरेलू आय में रोजगार की तुलना में बहुत अधिक गिरावट आई है।

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