Google के Chrome Browser पर बड़ा खुलासा, अमेरिकी न्याय विभाग ने ठोंका केस

Google के Chrome Browser पर बड़ा खुलासा, अमेरिकी न्याय विभाग ने ठोंका केस
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Google: गूगल के Chrome Browser को लेकर अमेरिकी न्याय विभाग ने बड़ा आरोप लगाया है। अमेरिकी न्याय विभाग का दावा है कि गूगल क्रोम की मदद से मोबाइल फोन में घुसपैठ कर रहा है। पढ़िये यह रिपोर्ट...

Google Chrome Browser: जब आप नया फोन खरीदते हैं, तो आपको फोन में पहले से ही गूगल क्रोम (google chrome) इंस्टॉल मिलता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये कैसे होता है। अगर इसकी जानकारी आपको नहीं है, तो यह जरूरी खबर आपके लिए है। इसको लेकर गूगल के एक बड़े कारनामे का हाल में पर्दाफाश हुआ है। इसकी पूरी जानकारी विस्तार से पढ़ने के लिए खबर को पूरी पढ़िए...

गूगल क्रोम पर बड़ा आरोप

हाल ही में वाशिंगटन (Washington) में एक एंटीट्रस्ट ट्रायल शुरु हुआ है। इस ट्रायल में अमेरिकी न्याय विभाग ने अल्फाबेट इंक के गूगल वेब ब्राउजर पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने गूगल वेब मोबाइल में घुसपैठ करने का आरोप लगाया है। मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो अमेरिकी न्याय विभाग ने दावा किया है कि इस घुसपैठ को करने के लिए गूगल हर साल 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च करता है।

दुनियाभर में गूगल की 89 प्रतिशत हिस्सेदारी

बता दें कि जब आप कोई चीज सर्च करते है, तो आप ज्यादातर गूगल क्रोम का ही उपयोग करते हैं। जानकारी के मुताबिक दुनियाभर में गूगल की 89 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसी बात को अमेरिकी न्याय विभाग ने गूगल क्रोम के ऊपर केस कर दिया है। इसके अलावा अमेरिकी न्याय विभाग के वकील ने दावा किया है कि गूगल ऩे अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है। न्याय विभाग ने यह भी दावा किया है कि गूगल ने अपने प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्वियों को रोकने के लिए डिफॉल्ट सेटिंग्स की मांग की और इसके लिए सालाना 10 मिलियन डॉलर खर्च किए।

गूगल का जवाब

हालांकि गूगल के वकील जॉन श्मिटलीन ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने जो आरोप लगाए हैं, वह बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि गूगल बेहद ही लोकप्रिय सर्च इंजन है। अगर कोई इससे असंतुष्ट है, तो उसके फोन में और भी ऑप्शन मौजूद हैं। वे आसानी से क्लिक करके सर्च इंजन स्विच कर सकता है।

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