सेकेंड हैंड वाहन खरीदने या बेचने पर RC Transfer करवाने में अब नहीं कोई झंझट, ऐसे करें चुटकियों में ओनर नेम ट्रांसफर!

ऑटो मोबाइक (Automobile) की दुनिया में पुरानी (Old Vehicle RC Transfer) या सेकेंड हैंड वाहनों (Second Hand Vehicle) की कतार काफी बढ़ गई हैं। आज के समय में ज्यादातर लोग नए वाहनों पर पैसे लगाने से बेहतर पुरानी यूजड वाहनों (Used Vehicles) को खरीदना ज्यादा पसंद करने लगे हैं। ये ही कारण है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से सेकेंड हैंड वाहन काफी खरीदे और बेचे जा रहे हैं। हालांकि, इस द्वारा आरसी ट्रांसफर (Second Hand Vehicle RC Transfer) कराना एक झंझट भरा काम हो जाता है। वहीं, आरसी को अपने नाम पर ट्रांसफर करवाना भी जरूरी होता है। जब तक गाड़ी के ओनरशिप नेम (Vehicle Ownership Name) को आप अपने नाम पर नहीं करवाएंगे तब तक उसके मालिक आप नहीं कहलाते हैं।
अगर आपको लगता है कि आरसी ट्रांसफर (RC Transfer) करवाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा या समय की बर्बादी हो सकती है। आपको बता दें कि अब ऐसा नहीं है, आरसी ट्रांसफर (RC Transfer Process in Hindi) में आपको आरटीओ ऑफिस के बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। कुछ सरल तरीकों को अपनाकर आप घर बैठे ही इस काम को कर सकते हैं। बस इस बात का आपको ध्यान रखना है कि गाड़ी खरीदने और बेचने के बाद 14 दिनों के अंदर आरसी ट्रांसफर के लिए आपको अप्लाई करना होता है। इसके बाद 30 दिनों में आपके पास ट्रांसफर हुई आरसी आ जाएगी। आइए आरसी ट्रांसफर करने का ऑनलाइन प्रसेस बताते हैं...
आरसी ट्रांसफर करने का ऑनलाइन प्रोसेस
- सबसे पहले https://parivahan.gov.in/parivahan/ की वेबसाइट पर जाएं।
- यहां अपना नाम, ईमेल आईडी, फोन नंबर आदि जानकारी भरकर अकाउंट बनाएं।
- इसके बाद ऑनलाइन सर्विस के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- अब Vehicle Related service के विकल्प पर टैप करें।
- इसके बाद आवेदन के लिए फॉर्म खुलेगा, उस पर क्लिक करें।
- अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर एंटर करें आपके रजिस्ट्रड फोन नंबर ओटीपी आएगा।
- ओटीपी को दर्ज करने के बाद Transfer of Ownership का विकल्प होगा, उस पर क्लिक करें।
- सबमिट का बटन दबाने के बाद एक और FORM आएगा।
- इसमें अपने वाहन और रजिस्ट्रेशन की जानकारी को फील कर सबमिट कर दें।
पूरे प्रोसेस को करने के बाद आखिरी काम ये रहेगा कि आपको RTO ऑफिस से अपॉइंटमेंट की तारीख लेनी होगी। यहां आपको आगे की प्रक्रिया बताने के साथ ही किन-किन डॉक्यूमेंट्स को सबमिट करना होगा वो बताया जाएगा। इसके साथ प्रोसेसिंग फीस कितनी देनी होगी उसकी जानकारी भी वहां से ही पा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हर राज्य के आरटीओ ऑफिस में प्रोसेसिंग फीस अलग-अलग होती है।
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