यामाहा मोटर इंडिया के चेयरमैन मोतोफूती शितारा ने कहा, कोरोना से निपटने के लिए उचित रूपरेखा बनाने की जरूरत

जापान की दोपहिया वाहन कंपनी यामाहा का कहना है कि देश में आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह बंद करने से पहले सावधानी से समीक्षा की जानी चाहिए थी। कंपनी ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए एक उचित रूपरेखा बनाने की जरूरत है।
कंपनी के भारत में तीन कारखाने हैं। कंपनी ने कहा कि किसी भी देश के लिए मानव जीवन को बचाना शीर्ष प्राथमिकता है, लेकिन आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह बंद नहीं किया जा सकता। यामाहा मोटर इंडिया के चेयरमैन मोतोफूती शितारा ने साक्षात्कार में कहा हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से है। साथ ही यह दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया बाजार है।
भारत और दुनिया के अन्य बाजारों में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह बंद होने से हम महामंदी के बाद सबसे बड़ी मंदी के घेरे में आए गए हैं। इस तरह की मंदी से उबरने में काफी लंबा समय लगता है। कोविड-19 पर अंकुश के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था। हालांकि लॉकडाउन अब भी लागू है, लेकिन इसमें अब कई रियायतें दी गई हैं जिससे उद्योगों का परिचालन आंशिक रूप से शुरू हो गया है।
शितारा ने कहा मैं कहना चाहूंगा कि आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह बंद करने के फैसले की सावधानी से समीक्षा की जानी चाहिए थी और इस संकट के लिए निपटने के लिए एक उचित रूपरेखा बनाई जानी चाहिए थी। इस बंद से न केवल उद्योग प्रभावित हुए हैं बल्कि जो भी लोग इनसे जुड़े हैं, उनपर भी इसका असर पड़ा है। शितारा ने कहा कि इस बात की काफी संभावना है कि कोरोना वायरस कभी खत्म नहीं होगा।
ऐसे में लोगों को उचित सुरक्षा उपायों के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को कहना है कि शायद कोरोना कभी नहीं जाएगा। इसके संक्रमण का दूसरा दौर और शायत तीसरा दौर भी आ सकता है। ऐसे में हमें कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा। सभी को इस दिशा में सोचना चाहिए।
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