अब अमेरिका ने चीन की इस बड़ी टेक्नॉलजी कंपनी पर लगाया प्रतिबंध, दोनों देशों के रिश्तों में गहरी हुई दरार

चीन और अमेरिका में आप सी रिश्तों में तनानी चल रही है। इसबीच ही अमेरिका सरकार ने एक और ऐसा कदम बढ़ा दिया है। जिससे दोनों देशों की रिश्तों में गहरी दरार आ सकती है। इसकी वजह शुक्रवार को अमेरिकी सरकार द्वारा चीन की टेक्नॉली कंपनी हुवावेई पर प्रतिबंध लगाना है। इतना ही नहीं हुवावेई की अमेरिकी टेक्नॉलोजी का इस्तेमाल की क्षमता पर प्रतिबंध लगाने से उद्योग और विकास पर प्रभाव पडेगा। इसी का असर अब अमेरिका-चीन के विवाद को बढ़ा सकता है।
दरअसल, अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने शुक्रवार को कहा कि हुवावेई पर विदेशों में सेमीकंडक्टर के डिजाइन और उत्पादन के लिए अमेरिकी टेक्नॉलजी के इस्तेमाल को लेकर प्रतिबंध लगाए गए थे। ऐसे में अमेरिका चाहता है कि हुवावई पूर्व में लगाए गए अंकुशों से बच नहीं पाये। इसके साथ ही रॉस ने का दावा है कि एक बहुत ही उच्च स्तर की तकनीकी खामी पाई गई है। जिसके जरिये हुवावेई अमेरिकी टेक्नॉलजी को प्रभावित करने में सफल रही है।
स्मार्टफोन और नेटवर्क उपकरण बनाती है हुवावेई
चीन की हुवावेई स्मार्टफोन और नेटवर्क उपकरण तैयार करती है। यह कंपनी चीन की सबसे पहली वैश्विक टेक्नॉलजी ब्रांड है। इसके साथ ही हुवावेई अमेरिका-चीन विवाद का सबसे प्रमुख मुद्दा है। इसमें अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि हुवावई सुरक्षा के लिए खतरा है। वहीं यह कंपनी अमेरिका के इन आरोपों को झूठा बताता है। इसके साथ ही चीन आरोप है कि हुवावेई आने वाले समय में टेक्नॉलजी कंपनियों के सामने चुनौती खडी कर सकती है। इसी के लिए अमेरिका अपने सुरक्षा चेतावनी का गलत इस्तेमाल कर इस कंपनी को नुकसान पहुंचाना चाहता है। इसके साथ ही अमेरिका द्वारा बनाई गई पॉलिसी के तहत हुवावेई कंपनी को नये नियमों के तहत विदेशी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को अपनी डिजाइन सेमीकंडक्टर जिनका निर्माण अमेरिकी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर किया गया है। उसे चीन को भेजने से पहले अमेरिकी लाइसेंस हासिल करना होगा। इसको लेकर आमने सामने आये दोनों देशों के बीच कार्रवाई जारी है। वहीं चीन ने अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
कंपनी का ज्यादा उपकरण अमेरिका में होते हैं तैयार
वहीं बता दें कि दुनिया में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सेमीकंडक्टर संयंत्रों का इस्तेमाल चिप डिजाइन व निर्माण अमेरिका में किये जाते हैं। ऐसे में जानकारों का दावा है कि अमेरिकी नियम उन विदेशी उत्पादाकों को प्रभाविक करेंगे जो चीनी कंपनी हुवावेई को बिक्री करते हैं।
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