अगर आप भी ब्लूटूथ के जरिए करते हैं बात, तो हो जाए सावधान, नहीं तो होगा बहुत नुकसान

अगर आप भी ब्लूटूथ के जरिए करते हैं बात, तो हो जाए सावधान, नहीं तो होगा बहुत नुकसान
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दुनिया की दिग्गज यूनिवर्सिटियों के रिसर्चर्स ने हाल में एक खोज की है, जिसमें पता चला है कि ब्लूटूथ डिवाइस पर एक वायरस अटैक हुआ है। इस अटैक का नाम केनॉब (KNOB) है। इस तकनीकी खामी की वजह से हैकर्स आपके फोन की निजी जानकारी लीक कर सकते हैं। साथ ही आपकी बाते भी सुन सकते हैं। लेकिन इस वायरस की जानकारी 2018 के अंत में सभी टेक कंपनियों को दे दी गई थी, जिसके बाद सभी ने अपने डिवाइस को अपडेट कर दिया था।

तकनीक के क्षेत्र में इतना विकास हो गया है कि अब अधिकतर लोग सबसे ज्यादा वायरलैस गैजेट का इस्तेमाल करते हैं। इसमें लोग ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से फोन पर कॉल से लेकर गानें तक सुनते हैं। लेकिन इन डिवाइस को लेकर एक ऐसी जानकारी मिली है, जिसे सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। दरअसल, ब्लूटूथ डिवाइस को लेकर अंतरराष्ट्रीय खोजकर्तों ने इस रिपोर्ट पेश की है, जिसमें ऑथेंटिकेशन प्रोटोकॉल में तकनीकी खामी की जानकारी मिली है।


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ऑथेंटिकेशन प्रोटोकॉल में कमी आने के बाद से ही हैकर्स सतर्क हो गए हैं। इस अवसर का लाभ उठाकर हैकर्स किसी भी फोन पर हो रही बातों को सुन सकते हैं और साथ ही फाइल्स को लीक कर सकते हैं। इस वायरस का नाम केनॉब (knob) है। इसका मतलब (Key Negotiation Of Bluetooth) है। इसके जरिए हैकर्स आसानी से किसी भी फोन को हैक कर सकते हैं। ब्लूटूथ में आई खामी को ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी, CISPA हेल्‍महोल्‍ट्ज सेंटर फॉर इंफॉर्मेशन सिक्‍योरिटी और सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्‍नोलॉजी एंड डिजाइन के खोजकर्तों ने खोजा है। अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि केनॉब के बारे में........

केनॉब (knob)

वैसे तो ब्लूटूथ में कनेक्शन के लिए एनक्रिप्शन की का उपयोग होता है, इसमें दो गैजेट आसानी से कनेक्ट हो जाते हैं। लेकिन केनॉब एंट्रोपी के माध्यम से एनक्रिप्शन-की का इस्तेमाल कर हैकर्स को फोन में छेड़-छाड़ करने के लिए अनुमति दे देता है। इसकी मदद से हैकर्स आसानी से किसी भी फोन की फाइल्स को ट्रांसफर कर सकते हैं। साथ ही फोन कॉल्स को भी सुन सकते हैं। रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि केनॉब के माध्यम से ब्लूटूथ की बीआर या ईडीआर के सुरक्षा कवच को तोड़ा जा सकता है। वहीं, फोन के उपभोक्ताओं को इसकी भनक भी नहीं पड़ेगी।

वहीं, इस तकनीकी खामी का पता चलाने के लिए 24 विभिन्न स्मार्टफोन पर 17 ब्लूटूथ चिप्स का टेस्ट किया गया है। इस टेस्ट में एप्पल, इंटेल और क्वालकॉम की चिपसेट शामिल हैं। इन चिपसेट पर अटैक हो सकता है।


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बता दें कि केनॉब की जानकारी वर्ष 2018 के अंत में ब्लूटूथ की इंडस्ट्री को दी गई थी। इसके बाद से ही लगभग हर एक कंपनी अपने गैजेट में जरूरी बदलाव किए हैं। यदि आपका फोन भी 2018 के बाद से अपडेट नहीं हुआ है, तो आपका फोन भी केनॉब से ग्रस्त हो सकता है।

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